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नकल माफिया रंजीत डॉन से जुड़े थे दीपक व विशाल!

ग्वालियर। पीएमटी फर्जीवाड़े के आरोपी एवं स्थानीय सरगना रहे दीपक और विशाल यादव के तार राष्ट्रीय स्तर के नकल माफिया बिहार निवासी रंजीत डॉन से जुड़े थे। पीएमटी में फर्जी छात्रों के स्थान पर सॉल्वर की पूर्ति रंजीत डॉन के द्वारा ही की जाती थी।
पुलिस अब इन दोनों से पूछताछ कर रंजीत डॉन से जुड़े इनके तारों को जोडऩे का प्रयास कर रही है। उल्लेखनीय है कि बिहार निवासी रंजीत डॉन को सीबीआई ने कैट, आईआईएम, एआईआईएमएस एवं सीबीएससी मेडीकल टेस्ट परीक्षा के पेपर आउट करने के मामले में वर्ष 2003 में गिरफ्तार किया था।
अब यह आरोपी मध्यप्रदेश में पीएमटी फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआईटी के निशाने पर है। पुलिस एमजीएम इंदौर के छात्र एवं डॉन के कथित साथी मोहित चौधरी के तार जोडऩे का प्रयास कर रही है जो व्यापम द्वारा आयोजित पीएमटी एवं प्री-पीजी फर्जीवाड़े में मुख्य आरोपी है। एसटीएफ रंजीत डॉन का पुराना रिकार्ड और पीएमटी फर्जीवाड़े से इसके तार जोडऩे का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में दीपक यादव और विशाल यादव के रंजीत डॉन से तार जुड़े होने की बात से भी एसआईटी इंकार नहीं कर रही है।

एसआईटी एडीजी ने विशाल से की पूछताछ
एसआईटी एडीजी सुधीर शाही ने सोमवार को भोपाल में विशाल यादव से पूछताछ की। एडीजी द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्रों के तो उसने जवाब दिए जबकि कुछ पर वह मौन हो गया। श्री शाही ने दीपक से पूछताछ कर फर्जी छात्रों के स्थान पर पीएमटी देने वाले सॉल्वरों का नाम उगलवाना चाहा। सूत्र बताते हैं कि विशाल ने एडीजी को कोई नई जानकारी नहीं दी है, बल्कि वह पुरानी वही बातें ही रटता रहा जो वह पुलिस पूछताछ में ग्वालियर में बता चुका है। विशाल यादव को पुलिस सोमवार की सुबह शताब्दी एक्सप्रेस से भोपाल लेकर रवाना हुई थी। सूत्र बताते हैं कि एडीजी विशाल के तार बिहार और उत्तर प्रदेश के नामी सॉल्वर गिरोहों से जुड़े होने के बारे में पड़ताल करना चाहते थे। एडीजी बिहार के प्रसिद्ध सॉल्वर दलाल रंजीत डॉन व उसके कथित साथी इंदौर के मोहित चौधरी से जुड़े होने के बारे में भी पूछताछ की गई। इस पूछताछ में एक बात जरूर सामने आई है कि अब तक पुलिस पीएमटी फर्जीवाड़े में विशाल को मोहरा समझ रही थी। बल्कि अब यह सामने आया है कि विशाल, दीपक के समकक्ष अपना अलग से गिरोह चला रहा था। दोनों ही अलग-अलग स्थानों से सॉल्वर लाकर फर्जी तरीके से छात्रों को पीएमटी में प्रवेश दिलाते थे।

विधायक के भाई सहित एक और छात्र ने किया आत्मसमर्पण
पीएमटी फर्जीवाड़े आरोपी दो फर्जी छात्रों ने सोमवार को न्यायालय में समर्पण कर दिया है। पुलिस ने पीएमटी फर्जीवाड़े में पूछताछ हेतु न्यायालय से इन दोनों छात्रों को तीन दिन की रिमाण्ड पर लिया है। इनमें 2009 बैच के पांच हजार रुपए के इनामी अलीराजपुर विधायक का भाई दिलीप चौहान और 2009 बैच के ही दतिया निवासी अविनाश कुंद्रा ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस के अनुसार दोनों ही छात्रों ने फर्जी तरीके से सॉल्वर बिठा कर पीएमटी में प्रवेश लिया था। पुलिस ने दोनों को न्यायालय से सात अगस्त तक पुलिस हिरासत पर ले लिया है। पुलिस पूछताछ कर पता लगाएगी कि इन दोनों ने किस तरह से सॉल्वर की सहायता से प्रवेश लिया है। 

Updated : 5 Aug 2014 12:00 AM GMT
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