छात्राएं बोलीं माह मेें एक भी दिन नहीं रुकीं अधीक्षिका
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सहायक आयुक्त ने मोरावन कन्या आश्रम भेजा जांच दल
कराहल निप्र। आदिवासी विकासखण्ड कराहल के मोरावन अनुसूचित जनजाति कन्या आश्रम की छात्राओं ने उस समय अधीक्षिका का खुलकर विरोध कर दिया, जब सहायक आयुक्त के निर्देश पर जांच दल ने मोरावन आश्रम पहुंचकर छात्रावास का निरीक्षण किया।
मालूम हो, विकाखण्ड के अनु. जनजाति कन्या छात्रावास मोरावन में 50 छात्राएं दर्ज हंै, लेकिन वर्तमान में यहां 25 छात्राएं निवास करती हंै। छात्राओं के पालकों का कहना है कि मोरावन कन्या आश्रम में पदस्थ शिक्षिका कुसुम शाक्य शाम होते ही छात्राओं को चौकीदार के भरोसे छोड़कर मोरावन से 8 किमी दूर सेसईपुरा चली जाती हैं। छात्राओं की इस पीड़ा को स्वदेश समाचार पत्र ने शाम होते ही छात्रावास छोड़ देती हैं अधीक्षिका शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को गंभीरता से लेते हुए आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त आर.एस. परिहार ने एक जांच दल गुरूवार को मोरावन कन्या आश्रम भेजकर आश्रम की जांच के निर्देश दिए। जैसे ही जांच दल मोरावन कन्या आश्रम पहुंचा तो आश्रम में निवास करने वाली छात्राओं ने खुलकर अधीक्षिका का विरोध किया। छात्राओं का कहना था कि अधीक्षिका एक माह में एक भी दिन आश्रम पर नहीं रुकी हैं, वे शाम होते ही सेसईपुरा चली जाती है। इतना ही नहीं छात्राओं ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि उन्हें मीनू के अनुसार भोजन भी नहीं दिया जा रहा है। छात्राओंं और स्थानीय ग्रामीणों के विरोध करने पर मौके पर उपस्थित अधीक्षिका और ग्रामीणों के बीच जमकर तू-तू, मैं-मैं भी हुई। मोरावन पहुंंचे जांच दल प्रमुख एस.एस. रावत ने बताया कि अनु. जनजाति कन्या आश्रम मोरावन की जांच का प्रस्वात तैयार कर सहायक आयुक्त को भेज दिया गया है।