Home > Archived > जनमानस

जनमानस

पढ़ाने वाले नहीं या कम


स्कूल चलें अभियान में सरकारी मशीनरी, पालक, छात्रों सभी ने रूचि दिखाई, स्कूलों में छात्रों की भर्ती पर्याप्त हो गई पर उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक या तो है ही नहीं (खासकर के ग्रामीण क्षेत्रों में) या कम है, जिससे उन्हें सम्पूर्ण विषय का अध्यापन नहीं हो पा रहा है। अतिथि शिक्षक भी नहीं रखे जा रहे हैं। नई भर्ती भी नहीं की जा रही है। शहरों में कम छात्रों पर भी बहुतायत में शिक्षक है, उन्हें गांवों में भेजा जाए या नई भर्ती तक अतिथि शिक्षक रखने के आदेश दिएं जाए। दीपक-बाती है पर तेल नहीं, कैसे जले यह दीपक।

आर.सी. खंदार, मालवा

Updated : 2 Aug 2014 12:00 AM GMT
Next Story
Top