Home > Archived > जनमानस

जनमानस

नारी को स्वयं जागना होगा


भारतीय संस्कृति में नारी को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। लेकिन फिर भी आज सम्पूर्ण देश के स्थान-स्थान से नारी जाति की आती चीखें यह बताती हैं कि आज उसकी अस्मिता खतरे में है। जो समाज कभी महिलाओं को पूजता था आज वही उसका दुुश्मन बन बैठा है। सवाल है कि इस विकृत मानसिकता के पीछे कौन है? अगर अपनी गरिमा बनाए रखनी है तो हमारी बहनों को स्वयं के अंदर सोई हुई शक्ति को जाग्रत करना होगा। देशभर में हो रही बलात्कार की घटनाएं, भारतीय समाज के लिए एक कलंक हैं। महिलाओं को अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए स्वयं खड़ा होना होगा। साथ ही जागरूक होकर सरकार,पुलिस, प्रशासन का सहयोग भी लेना पड़े तो लेना होगा। इस विकृत समाज की हालत ये हो चुकी है कि देश के किसी भी राज्य या जिले में नारी सुरक्षित नहीं है। चाहे वह गांव हो अथवा शहर। हर कहीं उसका शोषण हो रहा है। हर मां अपनी बेटी के लिए चिंतित है। समाज की इसी मानसिकता को परिवर्तित करने के लिए समाज की सभी महिलाओं को संगठित होकर कार्य करना होगा, तभी नारी को इस रुग्ण समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

जयंती सिंह लोधी, सागर

Updated : 19 Aug 2014 12:00 AM GMT
Next Story
Top