बूंद-बूंद बरसे और तरसा गए बदरा

ग्वालियर। बादल तो आए दिन घुमड़ रहे हैं, पर बरसने में कंजूसी कर रहे हैं। शहर में गुरुवार की शाम को हुई बूंदाबांदी के बाद शुक्रवार को भी कारे कजरारे बदरा छाए रहे, लेकिन बूंदाबांदी तक ही सीमित रहे। मौसम विज्ञानी इसे मानसून पूर्व की गतिविधि और जल्द मानसून आने का संकेत बता रहे हैं।
आज सुबह जब लोगों की नींद खुली तो आसमान पर घने काले बादलों का कब्जा था और सूरज देवता लापता थे। इस दौरान करीब 10 मिनट तक रिमझिम बारिश भी हुई। पूर्वान्ह 11 बजे के बाद जब बादल बिखरे तब सूरज देवता ने दर्शन दिए। इसी के साथ सूरज और बादलों के बीच लुकाछिपी शुरू हो गई, जो दोपहर बाद तक जारी रही। शाम करीब चार बजे फिर से बादलों का घनत्व बढ़ा तो एक बार फिर छुटपुट बूंदाबांदी हुई। इस इस प्रकार आज शहर में महज 0.7 मि.मी. बारिश दर्ज की गई।
स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार आज दिन भर बादल छाए रहने के बाद भी अधिकतम पारा गतरोज की अपेक्षा 1.1 डिग्री उछाल के साथ 39.5 डिग्री दर्ज किया गया, जो औसत से 2.4 डिग्री अधिक है। न्यूनतम पारा 0.2 डिग्री आंशिक गिरावट के साथ 29.5 डिग्री दर्ज किया गया, जो औसत से 2.1 डिग्री अधिक है, जबकि हवाएं सुबह से दोपहर तक उत्तर पश्चिम से तो दोपहर बाद दक्षिण पश्चिम से आईं, जिनकी गति 4 से 12 कि.मी. घण्टा थी। सुबह हवा में नमी 67 प्रतिशत तो शाम को 65 प्रतिशत दर्ज की गई।
48 घण्टे में मानसून आने की संभावना
मौसम विज्ञानियों के अनुसार यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो मध्य भारत में अगले 48 घण्टों में मानसून पहुंचने की संभावना है। इसके बाद जून की बारिश की कमी अगले दो सप्ताह में पूरी होने की उम्मीद है। दो सप्ताह में मानसून उत्तर भारत सहित पूरे मध्य भारत में फैल जाएगा और जमकर बारिश होगी।