प्याज के दामों पर लगाम की रणनीति बना रही प्रदेश सरकार

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने आलू-प्याज के दामों पर नियंत्रण रखने की कवायद शुरू कर दी है। वहीं राज्य में करीब दो महीने की खपत लायक प्याज की उपलब्धता है। फिर भी प्याज के दाम थोक बाजार में 25-30 रुपए प्रति किग्रा बने रहने का अनुमान है, क्योंकि मानसून अब तक नहीं आने के कारण जून-जुलाई में होने वाली प्याज की बुआई करीब 20 दिन लंबित हो गई है।
खरीफ की प्याज की फसल करीब 20 दिन देरी से आने के कारण सितंबर के महीने में प्याज की कीमतें ऊंची बनी रहेंगी। राज्य सरकार यह प्रयास कर रही है कि कीमतों में अनाप-शनाप तेजी नहीं आए और बाजार में आवक बनी रहे।
राज्य सरकार प्याज की स्टॉक लिमिट निर्धारित कर लागू करने की तैयारी कर रही है, लेकिन एक अंदेशा यह भी है कि म.प्र. में यदि प्याज की कीमतें ज्यादा कम रखी गईं तो यहां का प्याज अन्य राज्यों में जा सकता है। उप्र, दिल्ली और दक्षिण के कुछ राज्यों में मध्य प्रदेश की प्याज अब भी जा रही है। आवश्यक वस्तु अधिनियम में प्याज को शामिल करने और स्टाक लिमिट लागू होने के बाद प्याज की कीमतें पहले की तरह तेज नहीं हो पाएंगी। राज्य में मौसम विभाग का आकलन है कि अगले 3-4 दिनों में अच्छी बारिश हो सकती है। फिर भी मानसून देरी से आने के कारण प्याज और सब्जियों के दामों में तेजी से इजाफा हुआ है। 

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