दहेज एक्ट के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला उचित: तोमर
भिण्ड। राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती कृष्णकांता तोमर ने कहा है कि दहेज एक्ट के दुरुपयोग को रोकने की दृष्टि से सुप्रीम कोर्ट का दहेज एक्ट मामले में दोषियों की गिरफ्तारी जांच के बाद किए जाने के निर्णय को उचित ठहराया है। उन्होंने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के इस कदम से दहेज एक्ट के झूठे मामलों में फंसने से राहत मिलेगी।
आयोग की पूर्व अध्यक्ष तोमर ने कहा है कि कई बार दहेज एक्ट में निर्दोष लोगों को फंसा दिया जाता है और पुलिस बिना किसी पूर्व जांच के गिरफ्तार भी कर लेती है। जिसके फलस्वरूप उनको परेशानियां भी झेलनी पड़ती हैं। उन्होंने कहा है कि दहेज एक्ट मामलों की पहले जांच की जाए, लेकिन यह जांच पुलिस के अलावा अन्य एजेंसियों से भी कराई जाए जिसका न्यायिक परीक्षण उचित है। वर्तमान में दहेज मामलों में कई प्रकरणों में देखने को मिला है कि महिला जब अपने ससुराल पक्ष से किन्हीं कारणों से आहत होती है तो वह बदला झूठा दहेज एक्ट लगाकर लेती है, उसमें उसके परिवार के अलावा रिश्तेदारों को भी फंसा दिया जाता है। ऐसे में बिना किसी जांच के गिरफ्तारी अनुचित है। सर्वोच्च न्ययायालय का गिरफ्तारी से पूर्व वास्तविकता की जांच का निर्णय काफी सराहनीय है। उन्होंने कहा है कि जांच सिर्फ पुलिस विभाग न करे, उसे महिला आयोग या अन्य किसी एजेंसी से भी कराई जानी चाहिए ताकि निष्पक्ष जांच के साथ लोगों को न्याय मिल सके।