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जयललिता ने संस्कृत सप्ताह का विरोध किया

चेन्नई | तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि हर राज्य में संस्कृत सप्ताह समारोह की जगह शास्त्रीय भाषा सप्ताह समारोह मनाना ज्यादा उपयुक्त होगा। जयललिता ने कहा, ‘जैसा कि आपको पता है, प्राचीन तमिल भाषा के आधार पर तमिलनाडु के पास एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। यहां मजबूत सामाजिक न्याय और भाषा आधारित बड़े आंदोलन हुए हैं। इसलिए तमिलनाडु में सरकारी स्तर पर संस्कृत सप्ताह समारोह मनाना अनुपयुक्त होगा।’
शुक्रवार को जयललिता द्वारा मोदी को लिखे गये पत्र में कहा गया है, ‘हर राज्य में उस राज्य की भाषाई विरासत पर आधारित शास्त्रीय भाषा सप्ताह का आयोजन ज्यादा उपयुक्त रहेगा।’
दरअसल, जयललिता ने केंद्र के उस फैसले पर पत्र लिखा, जिसमें हर राज्य के मुख्य सचिव को कहा गया है कि वे सात अगस्त से 13 अगस्त, 2014 को संस्कृत सप्ताह समारोह के रूप में मनाएं। जयललिता ने कहा है, ‘मैं आपसे आग्रह करती हूं कि भारत सरकार के अधिकारियों को पत्र में उचित बदलाव करने की सलाह दें, ताकि राज्य और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के स्कूल राज्य की भाषा और संस्कृति के अनुरूप समारोह आयोजित कर सकें।’ उन्होंने कहा, ‘भारत जैसे विविधता वाले देश में यह भाषाई और सांस्कृतिक संवेदनाओं के अनुरूप होगा।’


Updated : 19 July 2014 12:00 AM GMT
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