दरोगा व सरपंच पर दुष्कर्म का आरोप

प्रताडि़त महिला व उसके परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से की शिकायत

शिवपुरी। अमोलपठा चौकी के दरोगा और नया गांव के सरपंच पर आज सुबह एक महिला ने एसपी कार्यालय पहुंचकर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाकर एक शिकायती आवेदन पुलिस अधीक्षक को सौंपा है। पुलिस ने फिलहाल इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। महिला के पति ने बताया कि नया गांव के सरपंच तिलक सिंह राजीनामा करने के बहाने उसकी पत्नी को थाने लेकर पहुंचा और बाद में दरोगा ने उसे अपने कमरे पर बुलाया और दोनों ने मिलकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म कर दिया। इसके बाद पीडि़ता ने अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी। जब पीडि़त महिला व उसका पति घटना की शिकायत करने निकले तो सरपंच व दरोगा ने उन्हीं के घर में कैद कर लिया। आरोपियों के चंगुल से छूटकर बीती रात्रि वह गांव से भाग निकले और आज सुबह एसपी कार्यालय पहुंचकर उक्त घटना की शिकायत की।
जानकारी के अनुसार दुष्कर्म का शिकार महिला रानी जाटव (परिवर्तित नाम) ने बताया कि 15-20 दिन पहले उसने अपने देवर करन व जेठ कपूरा के खिलाफ रु. न देने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस पर उसके जेठ व देवर ने उसे 20 हजार रु. वापस कर दिए और राजीनामा करने की बात कही। चार दिन पहले पीडि़त महिला, उसका पति वीरू जाटव व नये गांव का सरपंच तिलक सिंह थाने पहुंचे और राजीनामे के लिए दरोगा देवेन्द्र सिंह कुशवाह से बात की जिस पर दरोगा ने उन्हें मंगलवार को थाने बुलाया। इसी बीच सरपंच व दरोगा दूर जाकर बात करने लगे और इसके बाद सभी वापस गांव लौट आए। मंगलवार को सरपंच तिलक सिंह अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर प्रताडि़त महिला व उसके पति को थाने ले जाने लगा। जहां रास्ते में सरपंच ने वीरू को यह कहकर उतार दिया कि अगर वह थाने जाएगा तो दरोगा नाराज हो जाएंगे।
इसके बाद सरपंच पीडि़ता को लेकर थाने पहुंचा जहां मौजूद दरोगा देवेन्द्र सिंह कुशवाह ने दोनों को थाने के पीछे स्थित मकान में बुलाया। उस समय पीडि़ता ने दरोगा को एक हजार रु. दिए और राजीनामे का आवेदन लिखने की बात कही जिस पर दरोगा ने रुपए लेकर उससे कहा कि अभी इतनी जल्दी क्या है, राजीनामा हो ही जाएगा और बाद में सरपंच ने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और दोनों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म कर दिया। पीडि़ता ने उनसे बचने की कोशिश की जिसमें उसके हाथ-पैर में भी चोटें आई हैं।
उक्त दोनों ने उसे 12 बजे कमरे में बंद किया और 2 बजे छोड़ा। इसके बाद पीडि़ता ने उक्त घटना अपने पति को बताने की बात कही जिस पर उसे धमकी दी कि वह अगर घटना के बारे में किसी को भी बताया तो वे उसके पति के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कर उसे बंद करा देगा लेकिन पीडि़ता ने धमकी को दरकिनार कर पति को पूरा घटनाक्रम बता दिया।
जब दोनों पति-पत्नी शिकायत करने शिवपुरी आ रहे थे तो आरोपी सरपंच तिलक सिंह ने उन्हें रोककर उन्हीं के घर में कैद कर दिया, लेकिन बीती रात्रि दोनों पति-पत्नी अपनी बच्ची को लेकर गांव से भाग निकले और आज सुबह पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। है

इनका कहना है
प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध है, लेकिन फिर भी शिकायत की जांच करवाई जा रही है। ऐसा लगता है कि सरपंच से हुए विवाद में चौकी प्रभारी को निशाना बनाया जा रहा है।
महेन्द्र सिंह सिकरवार, एसपी

महिला द्वारा लगाए गए आरोप निराधार और झूठे हैं, आरोपों की जांच होनी चाहिए। पूरा मामला जमीनी विवाद का है जिसमें गांव के सरपंच तिलक सिंह व उसके बड़े भाई मलखान सिंह के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा है
देवेन्द्र सिंह कुशवाह, दरोगा

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