जनमानस

शरीयत कानून चलाने वाली खाप पंचायत


सुबह एक खबर पढ़कर मुझे हार्दिक वेदना हुर्ई, खबर थी, झारखंड के गोमिया थाने के एक गांव की पंचायत ने किसी अपराध को लेकर एक 10 वर्ष की लड़की के साथ दुष्कर्म करने का फरमान जारी किया और उसके साथ दुष्कर्म किया गया आश्चर्य होता है। आज हम 21वीं सदी में जा रहे हैं और देश में नारी सुरक्षा कानून होते हुए भी खाप पंचायत अपने शरीयत कानून चला रही हंै। उक्त मुद्दे को प्रभात झा ने राज्यसभा में उठाया है। तुर्रा यह कि उक्त मामलों में पुलिस भी मूक दर्शक बनी रही। दबंगों के भय से इस तरह के मुद्दे मीडिया के सामने ही नहीं आते हैं। 10 वर्ष की बालिका के साथ इस जघन्यतम अपराध के लिए समूचे पंचायत के पंचों को मृत्यु दण्ड दिया जाना चाहिए।
देश में कानून व्यवस्था को ठेगा दिखाकर ये खाप पंचायत अपने को स्वयंभू परमात्मा मानते हुए, इस तरह के फरमान जारी करती है। जो स्वतंत्र भारत के कानून की अवमानना करने के लिए भी सख्त सजा के दोषी है। उक्त घटना को महत्वपूर्ण मानते हुए दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

कुंवर वीरेन्द्र सिंह 'विद्रोही', ग्वालियर

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