रिमझिम बारिश से हुआ सावन का शगुन
शिवपुरी। लम्बे समय से बारिश का इंतजार कर रहे लोगों को आज शाम हुई रिमझिम बारिश के रूप में आशा की किरण नजर आई। रविवार की शाम को लगभग 20 मिनट तक मंदगति से पानी से गिरा। इस बारिश को सावन के महीने का शगुन ही कहा जा सकता है, क्योंकि इससे न तो बोवनी के आसार बने हैं और न ही गर्मी से राहत मिली है। इस मामूली बारिश के बाद तो उमस और बढ़ गई है।
आज सावन माह का पहला दिन था, इसलिए सभी को लग रहा था कि पानी अवश्य गिरेगा। दोपहर को आसमान में गहराए काले बादलों को देखते हुए बारिश की उम्मीद नजर आई, लेकिन कुछ ही देर बाद आसमान पूरी तरह से साफ हो गया। इसके उलट गर्मी का दायरा और बढ़ गया और फिर लगने लगा कि अब पानी नहीं गिरेगा लेकिन गर्मी से परेशान लोगों को रविवार की शाम सात बजे के आसपास तब राहत मिली, जब रिमझिम बारिश होने लगी। कुछ देर बाद बारिश की गति बढ़ी तो लोगों की खुशी की ठिकाना नहीं रहा लेकिन लगभग आधा घंटे में ही लोग निराश हो गए। इसका कारण यह है कि पानी न तो मनमाफिक गिरा और न इस बारिश से गर्मी राहत मिली। इसके विपरीत गर्मी का प्रभाव कुछ और अधिक बढ़ गया।
दिनभर लुकाछिपी करती रही बिजली
रविवार को छुट्टी का दिन लोगों का काफी मुश्किलों भरा गुजरा, इसकी एकमात्र वजह बनी बिजली। सर्किट हाउस रोड सहित शहर के अन्य इलाकों में पूरे दिन चली बिजली की लुका-छिपी ने लोगों को जीना मुहाल कर दिया। एक तो उमस भरी गर्मी पसीना निकाल रही थी वहीं दूसरी ओर गर्मी से राहत पाने के लिए बिजली की कमी से पंखे व कूलर भी नहीं चल पा रहे थे। पल-पल आती-जाती बिजली ने लोगों को हालाकान कर दिया। इसके अलावा शहर के कुछ इलाकों में लगातार कई घंटे बिजली गुल होने के कारण इन्वर्टर भी साथ छोड़ गए। ऐसे में लोगों को दिन निकालना भारी पड़ गया। शाम को होने वाली बारिश से उम्मीद जगी तो पानी थमने के बाद लोगों की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया।
भोलेनाथ की भक्ति में लीन हुए भक्त
रविवार से श्रावण मास आरंभ होते ही महादेव के भक्त उनकी भक्ति में डूब गए। जिला मुख्यालय सहित पूरे अंचल में एक माह तक भक्ति का भाव देखने को मिलेगा। शिवभक्तों ने अपने-अपने संकल्प के साथ आज शिव मंदिरों में जाकर भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाकर उनकी पूजा-अर्चना की।