पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी

नई दिल्ली । तेल कंपनियों ने आज पेट्रोल के दाम में 1.69 रुपये प्रति लीटर की तीव्र वृद्धि कर दी जबकि डीजल का दाम 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया। इराक संकट से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ने और मुद्रा बाजार में डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट से ईंधन के दाम बढ़ाये गये।
पेट्रोल और डीजल की यह मूल्यवृद्धि आज मध्यरात्रि (एक जुलाई) से प्रभावी हो जायेगी। यह वृद्धि राज्यों में लगने वाले बिक्री कर अथवा वैट के अतिरिक्त है। वैट सहित विभिन्न शहरों में ईंधन के दाम में वृद्धि अलग अलग हो सकती है।
दिल्ली में पेट्रोल का दाम इस वृद्धि पर वैट सहित 2.02 रुपये बढ़कर 73.58 रुपये लीटर होगा। इसी प्रकार डीजल का दाम 56 पैसे बढ़कर 57.84 रुपये लीटर होगा।
पेट्रोलियम पदाथोर् की बिक्री करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी इंडियन ऑयल कापरेरेशन ने आज जारी विज्ञप्ति में कहा, पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक अशांति की वजह से पिछले दो सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
डीजल के दाम में 0.50 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि पिछली संप्रग सरकार के जनवरी 2013 के निर्णय के अनुसार की गई है। पिछली सरकार ने सब्सिडी समाप्त करने के लिये डीजल के दाम में हर महीने छोटी छोटी वृद्धि करने को मंजूरी दी थी।
इंडियन ऑयल ने कहा, अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के दाम हाल में चार डालर प्रति बैरल से अधिक बढ़ गये हैं और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रपये की विनिमय दर में भी गिरावट आई है। दोनों के मिले जुले असर से पेट्रोल के दाम में 1.69 रुपये लीटर की वृद्धि करनी पड़ी, यह वृद्धि राज्यों में लगने वाले शुल्क के अतिरिक्त होगी।
डीजल वृद्धि के मामले में इंडियन ऑयल ने कहा कि जनवरी 2013 के बाद 17 बार दाम बढ़ाने के बावजूद तेल कंपनियों को 3.40 रुपये का नुकसान हो रहा है। इससे पहले यह नुकसान 2.80 रुपये लीटर पर था।
डीजल के अलावा तेल कंपनियों को राशन में बिकने वाले मिट्टी तेल पर प्रति लीटर 33.07 रुपये और 14.2 किलो के घरेलू एलपीजी सिलेंडर पर 449 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इंडियन ऑयल की विज्ञप्ति में कहा गया है कि पेट्रोलियम पदाथोर् की मौजूदा कीमतों के हिसाब से तीनों तेल कंपनियों (आईओसी, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम) को चालू वित्त वर्ष 2014-15 में कुल 1,07,850 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इसमें 56,550 करोड़ रुपये अकले इंडियन ऑयल के हिस्से में होगा।
कंपनी ने कहा है कि वह लगातार अंतरराष्ट्रीय बाजार पर नजर रखे हुए है। कच्चे तेल के दाम और डालर-रुपये विनिमय दर में होने वाले बदलाव की झलक भविष्य में तय होने वाले दाम में दिखाई देगी।