14 जून को आईएनएस विक्रमादित्य का भ्रमण करेंगे प्रधानमंत्री

नई दिल्ली | किसी रक्षा इकाई के अपने पहले दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जून को गोवा के तट के पास भारतीय नौसेना के सबसे बड़े युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य पर सवार होंगे।
यहां नौसेना के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री इस युद्धपोत को उसी दिन राष्ट्र को समर्पित करेंगे जो आईएनएस विराट के बाद देश का दूसरा विमानवाहक पोत है। 44,500 टन वजनी युद्धपोत फिलहाल अरब सागर में है जिसे 15,000 करोड़ रपये से अधिक लागत में रूस से खरीदा गया है।
आईएनएस विक्रमादित्य 16 नवंबर, 2013 को भारतीय नौसेना में शामिल हुआ और यह नौसेना में शामिल होने वाला सबसे नया तथा सबसे बड़ा जहाज है। तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इसे नौसेना में शामिल किया था। करीब 284 मीटर लंबा यह युद्धपोत इतना चौड़ा है कि फुटबॉल के तीन मैदान बनाए जा सकते हैं।
करीब 20 मंजिला ऊंचे आईएनएस विक्रमादित्य में कुल 22 डेक हैं। इस पर 1600 से ज्यादा कर्मी तैनात रहते हैं और इस तरह यह एक तैरता हुआ शहर सा है। जहाज पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों के तैनात रहने के चलते साजो-सामान भी बड़ी मात्रा में चाहिए होते हैं और हर महीने करीब एक लाख अंडों, 20000 लीटर दूध तथा 16 टन चावल की खपत हो जाती है।
यह जहाज अब पूरी तरह से संचालन में है और भारतीय पायलट अपने रूसी मिग 29के नौसेनिक युद्धक विमानों को लेकर इस पर से उड़ान भर रहे हैं और उतार रहे हैं। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान युद्धपोत पर सशस्त्र बलों के लड़ाकू विमान हवाई पहरेदारी कर सकते हैं क्योंकि जहाज में अपनी खुद की वायु रक्षा प्रणाली नहीं है। नौसेना की योजना है कि जब युद्धपोत पहली बार मरम्मत के लिए जाए तो इसमें वायु रक्षा प्रणाली लगाई जाए। प्रधानमंत्री आने वाले महीनों में सशस्त्र बलों के निमंत्रण पर सियाचिन जैसे सैन्य केंद्रों का भी भ्रमण कर सकते हैं।