पर्चा आउट होने पर यूपी संयुक्त प्रीमेडिकल परीक्षा रद्द

नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश संयुक्त प्रीमेडिकल परीक्षा (यूपीसीपीएमटी) उस समय रद्द कर दी गई, जब गाजियाबाद में दो बक्सों की सील से छेड़छाड़ की बात सामने आई जिनमें परीक्षा के प्रश्नपत्र रखे हुए थे। अब यह परीक्षा 20 जुलाई हो आयोजित की जाएगी। गाजियाबाद में पर्चा लीक होने के कारण छात्रों में साफ तौर पर आक्रोश देखा जा रहा है। छात्रों और अभिभावकों ने परीक्षा आयोजित करने वाले संगठन पर असफल रहने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए रविवार को होने वाली परीक्षा में 1,09,292 परीक्षार्थी भाग लेने वाले थे।
माना जा रहा है कि पेपर आउट होने में किसी गैंग का हाथ हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इसमें भारी मात्रा में पैसे का खेल भी हो सकता है।
परीक्षा के आयोजक केजीएमयू ने पर्चा लीक होने के कारणों की जांच करने के लिए एक समिति नियुक्त की है जो अपनी रिपोर्ट जल्द देगी। आज होने वाली इस परीक्षा में 1,09,292 परीक्षार्थियों के लिए प्रदेश में 213 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
लखनऊ में सर्वाधिक 43 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इसकी तैयारियां लंबे समय से हो रही थीं और दावा किया जा रहा था कि परीक्षा को बेहतरीन तरीके से संचालित किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, सीपीएमटी प्रवेश परीक्षा के पर्चे वाले बक्से सील करने के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तथा इलाहाबाद बैंक की विभिन्न शाखा के लॉकर में रखे गए थे। लेकिन बक्सों को स्ट्रांग रूम से निकालने पर उनकी सील टूटी हुई थी तथा बक्से कुछ जगह से टूटे हुए थे।
गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट एस वी एस रंगाराव ने कहा कि परीक्षा के प्रश्नपत्र गाजियाबाद के दो बैंकों में 40 बक्सों में सीलबंद करके रखे गए थे।
उन्होंने कहा कि जब अधिकारी इन दोनों बैंक की शाखाओं में आज सुबह पहुंचे तब उन्होंने पाया कि दो बक्सों के सील के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद परीक्षा रदद कर दिया गया।
राव ने कहा कि जिला प्रशासन इस बारे में राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजेगा। यूपीसीपीएमटी के संयोजक ए के सिंह ने कहा कि गाजियाबाद में प्रश्नपत्र वाले बक्से से संदिग्ध छेड़छाड़ किये जाने की खबर मिली थी जिसके बाद राज्य सरकार से विचार विमर्श करने के बाद परीक्षा टालने का निर्णय किया गया।
उन्होंने कहा कि परीक्षा की नयी तिथि 20 जुलाई है। यूपीसीपीएमटी परीक्षा राज्य के 15 शहरों में 213 केंद्रों पर लिया जाना था जिसमें से 45 केंद्र राजधानी लखनऊ में हैं।