राजनाथ सिंह और दो अन्य मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्तियों पर रोक
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नई दिल्ली | गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित तीन केंद्रीय मंत्रियों के निजी सचिवों की नियुक्ति को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि कार्मिक विभाग द्वारा जारी सकुर्लर के परिप्रेक्ष्य में यह निर्णय किया गया है। कार्मिक विभाग ने सकरुलर जारी किया था कि मंत्री के निजी सचिव और विशेष कार्य अधिकारी सहित निजी कर्मचारियों की नियुक्ति को कैबिनेट की नियुक्ति समिति से मंजूरी मिलनी चाहिए।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 26 मई को सभी सचिवों को सकुर्लरभेजा था जिसमें कहा गया था कि निजी सचिव की नियुक्ति के लिए एसीसी की मंजूरी आवश्यक है। इसने कहा कि सभी मंत्रालयों और विभागों को सलाह दी जाती है कि मंत्रियों के निजी कर्मचारी में ओएसडी सहित सभी नियुक्तियों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। राजनाथ सिंह के मामले में निजी सचिव के लिए आलोक सिंह का नाम प्रस्तावित था जो 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने पिछली संप्रग सरकार में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ भी काम किया था।
कार्मिक विभाग की तरफ से जहां कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है वहीं सूत्रों ने कहा कि नयी सरकार उन अधिकारियों के नाम को मंजूरी नहीं दे सकती है जिन्होंने पिछली सरकार में मंत्री के कर्मचारी के रूप में काम किया है। 47 वर्षीय सिंह ने खुर्शीद के साथ जल संसाधन, कानून एवं न्याय और विदेश मंत्रालय में काम किया है और उनका कार्यकाल अगले वर्ष 14 फरवरी तक है। गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू और विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह के निजी सचिवों अभिनव कुमार और राजेश कुमार का भविष्य भी अस्पष्ट है क्योंकि उनकी नियुक्ति को भी मंजूरी नहीं मिली। अभिनव जहां राज्यमंत्री शशि थरूर के निजी सचिव थे वहीं राजेश कैबिनेट मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच के निजी सचिव थे।