प्रदेश में भी गहरा सकता है बिजली संकट

भोपाल। दिल्ली और उत्तर भारत के साथ मध्यप्रदेश में भी बिजली संकट पैदा होने का खतरा नजर आ रहा है, क्योंकि प्रदेश के चारों ताप विद्युत संयंत्रों में महज 4-5 दिन का ही कोयला भंडार शेष है।
मध्यप्रदेश पॉवर जेनरेशन कंपनी के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में बिजली संयंत्रों में कोयले के संकट की सबसे बड़ी वजह लोडिंग-अनलोडिंग में होने वाली देरी है। रैक को खाली करने में कई-कई दिन लगने के कारण रेलवे अधिकारी यहां कोयला भेजने में कम रुचि लेते हैं। इसके अलावा गर्मी के दिनों में मालगाडिय़ों की संख्या में भी कमी हो जाती है।
उन्होंने कहा कि बारिश में कोयले के गीले होने के कारण प्रदेश के बिजली संयंत्रों में भंडारण कम रखा जाता है।
दूसरी ओर, पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के महाप्रबंधक मनु श्रीवास्तव का कहना है कि कोयले की कमी दूर करने के लिए गत शुक्रवार ही दिल्ली में ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है। इस संकट का हल निकाल लिया जाएगा।