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जनमानस

हिन्दुओं पर जुल्म से -अंधे, बहरे, गूंगे क्यों?


जहां मानवता रोजाना शर्मसार होती है, जहां अल्पसंख्यकों पर जुल्मों का कहर टूटता हो, जहां इन्सानियत को रोजाना कुचला जाता हो-फिर भी हमारे देश का मीडिया चुप रहता हो, यहां तक कि बहरा, अंधा हो जाता है आखिर क्यों? क्योंकि पाकिस्तान और बांग्लादेश में अत्याचारों की भयावहता हिन्दुओं पर टूटती है इसलिए? कभी किसी चैनल ने इस गंभीरतम हिन्दुओं की चीख को अपने चैनल पर सुनाया? नहीं।भारत में धर्मनिरपेक्षता के तथाकथित ठेकेदारों को बुलाकर उनसे चर्चा कराई? नहीं, प्रश्न पूछे नहीं। क्या इसलिए कि वो हिन्दू हैं -सो मरने दो।अरे थोड़ा तो सोचो कि इन दोनों देशों में हिन्दू लड़कियों की हिन्दू लड़कों से शादी नहीं होने दी जाती है उससे पहले ही उसे अगवा कर लिया जाता है और तो और परिवारजनों द्वारा विरोध करने पर उन्हें या तो इस लायक बना दिया जाता है कि वो कभी आवाज भी न उठा पाएं या फिर उन्हें मार दिया जाता है। अरे भारत के न्यूज चैनल वालो क्या वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं का खून लाल नहीं होता? जिसके खिलाफ तुम आवाज नहीं उठाते या फिर वो हिन्दू तुम्हारी नजरों में इंसान ही नहीं है। भारत में मुसलमानों के साथ कुछ गलत अगर हो जाता है तो तुम सभी चैनल वाले और धर्मनिरपेक्षता के दोगले ठेकेदार रात-दिन चिल्लाकर हाय-तौबा मचाते हुए छाती पीटते हो, परन्तु पाक-बांग्लादेश में हिन्दू लगातार मारे जा रहे हैं, मंदिर तोड़े व जलाए जा रहे हैं लेकिन इनसे कोई मतलब नहीं आखिर क्यों?

उदयभान रजक, ग्वालियर

Updated : 9 May 2014 12:00 AM GMT
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