जनमानस
घर-घर मोदी, थर-थर लालू
पिछले दिनों बिहार के मोकिहारी जिले में एक चुनावी प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार शिरोमणी लालू यादव ने अपना राग अलापते हुए कहा कि वह किसी भी कीमत पर मोदी को रोकेंगे।
भ्रष्टाचार से घिरे लालू यादव ने आदमी तो क्या बिहार के जानवरों तक को नहीं छोड़ा है। करोड़ों रुपयों का चारा हजम कर जाने वाले लालू पर हमारी न्यायपालिका ने चुनाव लडऩे पर रोक लगा दी है। कितने आश्चर्य की बात है। जिसके स्वयं पर चुनाव पर प्रतिबंध हो वह अगर एक ऐसे चमत्कारी व्यक्ति मोदी को रोकने की बात करे जिसका प्रभाव का चमत्कार पूरे देश के घर-घर में हो रहा हो तो यह उसकी खीझ ही है।
लालू जी शायद यह भूल रहे हैं कि मोदी के प्रभाव का अंदाजा उन्हें 27 अक्टूबर को पटना के गांधी मैदान में ही मोदी जी की रैली में ही लग गया होगा। जब मोदी की रैली को रोकने के लिए आतंकवादियों ने एक नहीं कई धमाके किए थे। इसके बावजूद भी वहां उपस्थित 6-7 लाख विशाल जन समुदाय की भीड़ में न तो अफरा तफरी मची और नहीं किसी तरह की अव्यवस्था फैली बल्कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी लोगों ने कितने तन्मयता से मोदी जी को सुना। यह मोदी जी के प्रति क्या किसी अविश्वनीय आस्था का प्रतीक नहीं था? वास्तव में लालू का यह प्रलाप घर-घर मोदी के लहर से थर-थर लालू का परिणाम है। लालू जी अगर वास्तव में बिहार के साथ पूरे देश का कल्याण चाहते हैं तो उन्हें या तो मोदी जी का साथ देना चाहिए या फिर चुप रहना चाहिए।
प्रवीण प्रजापति, ग्वालियर