पानी मिलाकर दूध बेचने वालों की खैर नहीं

मिलावट रोकने के लिए चलेगी विशेष मुहिम
दतिया। पानी मिलाकर दूध बेचने वालों की खैर नहीं होगी। दूध में पानी की मिलावट पर अंकुश लगाने के लिए दूध की गुणवत्ता जांचने की विशेष मुहिम चलाई जाएगी।
जिलाधीश ने कहा है कि उपभोक्ताओं को शुद्ध दूध मिलना चाहिए। पानी मिलाकर दूध बेचना उपभोक्ताओं के हितों के साथ घोर अन्याय है। उपभोक्ताओं को पूर्ण चिकनाई एवं वसा युक्त दूध मिलना चाहिए। उपभोक्ता अपनी जरूरत के मुताबिक दूध की चिकनाई कम करने के लिए उसमें अपनी स्वेच्छा से पानी मिला सकते हैं, किन्तु कोई भी उपभोक्ताओं को पानी मिलाकर दूध नहीं बेच सकता है।
उल्लेखनीय हैं कि स्थानीय दूध विक्रेताओं द्वारा पानी मिलाकर दूध बेचने से निर्धारित मानक के अनुसार दूध बेचने वाली सरकारी एजेंसी की बिक्री पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है, वहीं उपभोक्ता को अधिक दाम देने के बावजूद शुद्ध दूध नहीं मिलता और सरकारी एजेंसियों के राजस्व की हानि भी होती है। दूध व दूध से बने खाद्य पदार्थों में अन्य तरह की मिलावट करने वालों के खिलाफ भी कड़ा शिकंजा कसने की हिदायत कलेक्टर ने दी है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि मिलावट खोरों के साथ कोई रियायत न हो।
दुग्ध समितियां गांवों से लाएंगी दूध
जिले के पशुपालकों को दूध के वाजिब दाम मिलें इसके लिए जिले में पुरजोर प्रयास होंगे। इस सिलसिले में मध्यप्रदेश दुग्ध संघ से जुड़ी दुग्ध समितियों को सक्रिय कर मिल्क रूट तलाशे जाएंगे, जिससे गांव-गांव से दुग्ध संग्रहण किया जा सके और किसानों को दूध की उचित कीमत मिले। कलेक्टर श्री रघुराज राजेन्द्रन ने मध्यप्रदेश दुग्ध संघ द्वारा उत्पादित सांची दूध व अन्य उत्पादों को जिले में बढ़ावा देने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
इनका कहना है
जिस विक्रेता के दूध में पानी की मिलावट साबित होगी उसके खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के प्रावधानों के तहत् कठोर कार्रवाई होगी।
रघुराज राजेन्द्रन, जिलाधीश
दूध व उससे बने खाद्य पदार्थों में मिलावट करना गंभीर अपराध है। दूध में पानी मिलाकर बेचने पर 5 लाख रुपए तक जुर्माना और कारावास की सजा हो सकती है।
सतीश कुमार खाद्य सुरक्षा अधिकारी