अधिकारियों की शह पर हो रही है टैक्स की चोरी

मौ, निप्र । फर्जी बिलों व कागजातों से लाखों-करोड़ों का व्यापार करने वाले मौ बाजार के एक सैकड़ा से भी ज्यादा व्यापारी, दुकानदार अधिकारियों से साठगांठ कर वाणिज्य कर की चोरी कर शासन को चपत लगा रहे हैं।
जिले का कस्बा मौ बाजार व्यापार के मामले में अव्वल माना जाता है। दतिया व ग्वालियर जिले की सीमा से सटा होने व आसपास के इलाके में दूर-दूर तक बाजार न होने के कारण मौ बाजार का व्यापारिक महत्व अपने आपमें बढ़ा हुआ है। रोजाना लाखों-करोड़ों रुपए का व्यापार चल रहा है। गल्ला व्यापारी, किराना, सोना-चांदी, सर्राफा कारोबारी, कपड़ा, दवा विके्रता, लोहा (आयरन) मर्चेन्ट, सीमेंट, बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर, ब्याज पर रकम का लेन-देन करने वाले, मेडीकल प्रेक्टिशनर इत्यादि एक सैंकड़ा से अधिक व्यवसायी वाणिज्यकर की चोरी कर प्रतिदिन लम्बा-चौड़ा व्यवसाय भी कर रहे हैं, मगर शासन को टैक्स अदा नहीं कर रहे हैं। विभाग के अधिकारियों की साठगांठ व दिशा-निर्देशों के आधार पर सुविधा शुल्क की राशि व्यापारियों से वसूली जा रही है।
बताते हैं कि वाणिज्यकर विभाग के अधिकारी व खाद्य महकमे की टीम प्रतिमाह मौ बाजार से चैकिंग के नाम पर अपने गुर्गों से चौथवसूली करवा लेती है और व्यापारियों को टैक्स चोरी व मिलावटी घटिया स्तर की सामग्री बेचने की खुली छूट भी दे दी जाती है। व्यापारी कार्रवाई से बचने की खातिर अधिकारियों को प्रतिमाह व्यापारियों से एकत्रित कर रुपया भिजवा देते हैं और फिर आराम से किसानों, ग्राहकों को लूटते रहते हैं। कई बार तो ऐसा भी देखने को मिला है कि चौथ वसूली न मिलने पर वाणिज्य कर, फूड को चैकिंग के नाम पर बाजार में धमाल मचाते देखा गया है। सुविधा शुल्क मिलते ही कार्रवाई ठंडे बस्ते में डालकर निकल जाते हैं। मौ बाजार के प्रतिष्ठानों के हालात ये हैं कि रोजाना दर्जनों शक्कर, गुड़, डालडा, बिल्डिंग मटेरियल, गल्ला से भरे ट्रक व्यापारियों के गोदामों में उतारे व चढ़ाए जा रहे हैं, परन्तु टैक्स नहीं चुकाया जा रहा है।
बिल नहीं देते दुकानदार
ग्राहक जिस दुकान, व्यापारी के यहां से सामान खरीदता है तो उसे बिल नहीं दिया जाता और घटिया गुणवत्ता का माल देकर मनमाना पैसा वसूला जाता है। अगर सामान की गुणवत्ता खराब निकलती है एक्सपायर डेट का हो या फिर पैसा ज्यादा देकर ले गए हों तो उसकी शिकायत भी नहीं कर पाते हैं। सबसे ज्यादा हेरा-फेरी दवाइयों, किराना सामान, बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर ही कर रहे हैं और मिलावट व नापतौल का भी कोई हिसाब-किताब नहीं है।
कार्रवाई होनी चाहिए
टीकाराम माहौर, रवि जैन, अशोक आदि नेे टैक्स चुराने वाले, घटिया सामान बेचने व बिल न देने वाले दुकानदारों व उन शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों पर जो इन दुकानदारों से सुविधा शुल्क वसूलकर घटिया सामान बिकवाते हैं पर कानूनी कार्रवाई की प्रशासन से अपेक्षा की है। 

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