भूमि, भवन, भू-खण्ड के ऑनलाइन पंजीयन में पिछड़ा ग्वालियर

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में भूमि, भवन, भूखंड के ऑनलाइन पंजीयन किए जाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। लेकिन ग्वालियर जिले में अभी ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था नहीं होगी। इस कारण अभी ग्वालियर वासियों को अभी अपनी अचल संपत्ति के पंजीयन के लिए भ्रष्टाचार और रिश्वत खोरी जैसी समस्या से जूझना पड़ेगा।
प्रदेश सरकार ने प्रथम चरण में ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था करने के लिए करीब एक दर्जन शहरों को चुना है। पहले चरण में ग्वालियर संभाग का शिवपुरी एवं एक अन्य जिले के अलावा कस्बा स्तर के कार्यालय शामिल रहेंगे। इसके अलावा प्रदेश के छोटे-छोटे जिले एवं कस्वाई कार्यालयों को प्रथम चरण के ऑनलाइन पंजीयन में शामिल किया गया है जहां संपत्ति पंजीयन का अधिक भार नहीं रहता। प्रथम चरण में 16 कार्यालय इसमें शामिल किए जाने हैं। संभावना जताई जा रही है कि मई माह के अंत तक प्रथम चरण का ऑनलाइन पंजीयन आरंभ हो जाएगा। शासन की योजना है कि प्रथम चरण के ऑनलाइन पंजीयन में सफलता मिलने के बाद दूसरे चरण में अन्य बड़े शहरों में इसे लागू किया जाएगा।
क्यों छूटे बड़े शहर
पंजीयन विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पंजीयन विभाग बड़े और विकसित हो रहे शहरों से हो रही अवैध आमदनी को एकदम ठप नहीं करना चाहता। इस कारण कस्बा स्तर पर जहां क्षेत्रीय विकास थमा हुआ है। जहां बहुत कम पंजीयन होते हैं उनके ऑनलाइन पंजीयन में दिक्कत भी कम होगी और आमदनी पर भी असर नहीं पड़ेगा। इस कारण बड़े एवं तेजी से विकसित हो रहे शहरों में ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था करने की हिम्मत विभाग नहीं दिखा पा रहा है।
क्या होगा फायदा
संपत्ति दस्तावेजों के पंजीयन की ऑनलाइन व्यवस्था होने के बाद आवेदक द्वारा अपना पंजीयन दस्तावेज स्वयं कम्प्यूटर पर भरा जा सकेगा। उसके द्वारा खरीदी या बेची जा रही संपत्ति का वास्तविक मूल्य कितना है तथा उसे कितनी राशि के स्टाम्प पंजीयन में लगाना है इसका पता वह स्वयं ही कम्प्यूटर पर कर सकेगा।
बैंक से खरीदे जा सकेंगे स्टाम्प
ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था होने के बाद उपभोक्ता स्वयं विभागीय साइट पर भूमि,भूखंड या भवन की कीमत निकालकर इसके विक्रय हेतु आवश्यक स्टाम्प की कीमत भी निकाल सकेगा। स्टाम्प वह बैंक, एलआईसी या पंजीकृत स्टाम्प वाइंडर से खरीद सकेगा। वर्तमान में स्टाम्प अलग-अलग कीमत के अनुसार खरीदने पड़ते हैं मगर ऑनलाइन होने के लायसेंसधारी स्टाम्प वाइंडर, बैंक या एलआईसी द्वारा पंजीयन राशि ऑनलाइन ही रजिस्ट्रीधारी के खाते में जमाकर एक स्लिप थमा दी जाएगी। अर्थात एक ही स्टाम्प पत्र पर संपूर्ण पंजीयन राशि ली जा सकेगी।
स्टाम्प विक्रय हेतु लायसेंसधारी व्यक्ति को एक मुस्त राशि विभाग के पास जमा करनी होगी। जितनी राशि जमा होगी उतनी राशि के स्टाम्प लिमिट एक बार में या अधिक बार में विभाग जारी कर सकेगा।
इसके अलावा संपत्ति को बंधक बनाकर लॉन देने वाले बैंकों एवं उनके अभिभाषकों को भी इसके लिए कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
कार्यालय में भी नहीं होगी देरी
ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था के बाद ग्राहक कम्प्यूटर के माध्यम से दस्तावेज के पंजीयन के लिए दिए गए समय पर कार्यालय पहुंचेगा। पंजीयन कार्यालय में घुसते ही उसकी ऐंट्री का समय भी दर्ज हो जाएगा। अर्थात ग्राहक के समय पर नहीं पहुंचने या ग्राहक द्वारा समय पर पहुंचने जैसा झूठ नहीं बोला जा सकेगा। 

ग्वालियर में डिजीटाइजेशन का काम ठप
पूरे मध्यप्रदेश के साथ ग्वालियर के जिला पंजीयक कार्यालय में इन दिनों विगत 13 वर्षों अर्थात वर्ष 2001 से वर्ष 2013 तक के दस्तावेजों का कार्य एक निजी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। कंपनी द्वारा भेजे गए कर्मचारी पंजीयन कार्यालय के दस्तावेजों का कम्प्यूटर में डिजीटाईजेशन करने में असमर्थता व्यक्त कर रहे हैं। इन कर्मचारियों का कहना है कि विभागीय सॉफ्टवेयर दस्तावेजों को स्वीकार नहीं कर रहा है। इस कारण यह काम विगत करीब 10 दिन से बंद पड़ा है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी द्वारा आधे-अधूरे प्रशिक्षण के बाद कर्मचारियेां को डिजीटाईजेशन का काम सौंपा है इस कारण उन्हें परेशानी हो रही है।

वर्जन
''ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था प्रथम चरण में छोटे कस्बों और शहरों में की जा रही है। प्रायोगिक तौर पर सफल रहने पर इसे ग्वालियर सहित अन्य बड़े शहरों में लागू किया जाएगा। ग्वालियर कार्यालय में डिजीटाईजेशन कार्य तकनीकी कारणों से बंद है जिसे पुन: चालू कराया जाएगा।
राजीव जैन
उप महानिरीक्षक पंजीयन 

Next Story