जनमानस
राजनीति में सेवानिवृत्ति की उम्र क्यों नहीं?
सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष है। सेना के जनरलों की 62 वर्ष है। पर भारत में नेताओं के लिए रिटायर होने की कोई उम्र नहीं है। देश में 85 साल से भी ज्यादा उम्र के नेता आगामी आम चुनावों में चुनाव लड़ रहे हैं या टिकट के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। एन.डी. तिवारी, आडवाणी, करुणानिधि, मुरली मनोहर जोशी जैसे पकी उम्र के नेता भी घर बैठने को तैयार नहीं है। स्व. अर्जुनसिंह अपंगों की कुर्सी पर बैठकर मरते दम तक राजनीति करते रहे और 89 वर्षीय करुणानिधि भी कुर्सी पर बैठकर नेतागिरी कर रहे हैं।
ये अति बुजुर्ग नेता दूसरों के रास्ते तो बंद करते ही है, अपने बेटे, बेटियों, बहुओं के लिए भी टिकट व मंत्री पदों के लिए पार्टियों को झुका लेते है। अक्सर ये जर्जर नेता पार्टियों के मंचों, आयोजनों व अन्य कार्यक्रमों में जानबूझकर पहुंच जाते हैं, ताकि लोग उनके पैर छुएँ। अब समय आ गया है कि हर पार्टी 70-75 साल से ज्यादा के नेता को न तो पार्टी में कोई पद दे और न ही पार्षद से लेकर सांसद तक कोई टिकट दे।
राजवीर सिंह, इन्दौर