जनमानस
जन गठबंधन से दूर गठबंधन
एक कहावत बहुचर्चित है कि जब सांप और चूहा सपेरे की डलिया में एक साथ फंस जाते हैं तो सांप और चूहे में गठबंधन हो जाता है। दोनों में गठबंधन इस बात का होता है कि चूहा सपेरे की डलिया में छेद करेगा और सांप उस छेद से बाहर निकल जाएगा, परन्तु चूहे को इस बात का जरा भी आभास नहीं होता कि जब सांप डलिया के बाहर निकल जाएगा तो वह चूहे का पुन: दुश्मन हो जाएगा। आज के नेताओं और उनके दलों के मध्य भी चुनाव के आते ही ऐसे ही नापाक एवं विपरीत विचारधारा वाले अवसरवादी गठबंधन हो रहे हैं। विपरीत विचारधारा एवं विपरीत गुणसूत्र होने के बाद भी केवल सत्ता का स्वाद चखने के लिए यह गठबंधन होते है और ऐसे गठबंधनों के जन्म के साथ ही इनकी जन्म कुण्डली में ऐसे गठबंधनों में अल्पमृत्यु का योग लिख जाता है। अवसरवादी राजनैतिक गठबंधन केवल जनमानस के साथ धोखा देने के लिए किए जा रहे हैं। जिनका कोई राजनैतिक भविष्य नहीं है।
दिलीप कुमार ग्वालियर