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जनमानस

कठोर संदेश देना भी जरूरी है



विश्व का इतिहास साक्षी है कि भारतीयों ने अकारण कभी भी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया और न ही किसी देश की सीमा का अतिक्रमण कर वृद्धि करने का प्रयास किया। भारतीय सनातन संस्कृति और सभ्यता विश्व में इसीलिये महान भी है। भारत हमेशा से ही वसुधैव कुटुम्बकम में ही विश्वास करता है। लेकिन जब दुश्मन हमें ललकारे तो हम चुप रहें यह हम नहीं स्वीकारते। छोटी भूल तो हम किसी की सह लेते हैं परन्तु बड़ी भूल के लिए तलवार म्यान में भी नहीं रखते।
सेना दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय सेना के सेना प्रमुख जनरल विक्रम सिंह का पाकिस्तान व चीन को कड़ा संदेश देना, इसी बात को सही प्रमाणित करता है, कि चीन और पाकिस्तान की सेनायें भारत की सीमा में घुसकर भारत की एकता व अखंडता का अनादर करती रहती हैं। सेना प्रमुख जनरल विक्रम सिंह की यह ललकार कि यदि नियमों को तोड़ा गया तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे। सेना प्रमुख का यह वक्तव्य भारतीय सैनिकों का मनोबल तो बढ़ाता ही है, बल्कि पाकिस्तान और चीन को एक कठोर संदेश देकर भारत के इरादे भी स्पष्ट कर देता है। सारा विश्व जानता है कि शान्ति प्रिय भारत में पाकिस्तान और चीन सीमाओं पर गलत हरकत करते रहते हैं। अकारण गोलीबारी सीमाओं में घुस आना आम हो गया है। भारत व सेना हमेशा शान्ति पूर्ण की भावना का आदर करते रहे हैं और इस शान्ति पूर्ण भावना का परिणाम समय-समय पर हमें भुगतना भी पड़ता है।
कश्मीर पूर्ण रुप से भारत का अंग है लेकिन पाकिस्तान वहाँ अशान्ति पैदा कर भारत को युद्ध की चुनौती देता है। विश्व पटल पर कश्मीर के मुद्दे पर कोई न कोई बवाल पैदा करता है। ऐसे देश के राजनयिक भी व्यवस्था को सामान्य नहीं चलने देते। इन सब कार्यो में भारतीय राजनीति व शासन भी हस्तक्षेप करता है। यदि भारतीय राजनीति व शासन गैर जिम्मेदार होने लगें वे देश के प्रति संवेदनशील न हों तो ऐसा कड़ा बयान देना भी जरुरी हो जाता है। ऐसा बयान भारत देश व सेना के लिए जरुरी है और हम सब भारतीय सेना के साथ हैं।

भँवर सिंह नरवरिया, भिण्ड


Updated : 4 Feb 2014 12:00 AM GMT
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