आरक्षित रेलवे यात्रा पर भी उपभोक्ता अधिकार लागू: उच्चतम न्यायालय

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने रेलवे की एक याचिका को खारिज करते हुए राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले में दखल देने से इन्कार कर दिया है।
रेलवे की दलील थी कि उपभोक्ता अदालत रेलवे के खिलाफ दावे पर सुनवाई ही नहीं कर सकती। ऐसे मामलों की सुनवाई सिर्फ रेलवे क्लेम टिब्यूनल में हो सकती है।
उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रिजर्व कोच में अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश रोकना टीटीई (टिकट जांचने वाला) की जिम्मेदारी है और अगर वह इसमें नाकाम रहा तो रेलवे सेवा में खामी का जिम्मेदार है।
अदालत ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के इस फैसले पर मुहर लगा दी है। इस फैसले के साथ अब रेलवे को 17 साल पहले चोरी हुए सामान का दो लाख रुपये हर्जाना देना होगा।
आयोग ने कहा कि इस तरह का मामला रेलवे क्लेम टिब्यूनल के तहत नहीं आता और उसके आधार पर उपभोक्ता अदालतों का क्षेत्राधिकार बाधित नहीं होता।