इच्छामृत्यु का मामला संविधान पीठ को स्थानांतरित

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय ने इच्छामृत्यु के मामले में दायर याचिका को संविधान पीठ को स्थानांतरित कर दिया है।
इच्छा मृत्यु को देश में विधि सम्मत बनाने का मुद्दा यह कहते हुए पांच न्यायाधीशों की पीठ को भेज दिया कि मरणासन्न अवस्था में पड़े मरीज से कृत्रिम चिकित्सकीय सहयोग वापस लेने के बारे में उसके पूर्व के फैसलों पर 'अलग-अलग विचार' जाहिर किए गए हैं।
दरअसल, यह याचिका मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुकीं एक मरीज की तरफ से दायर की गई है। जिनके चिकित्सीय रूप से ठीक होने की संभावना बेहद कम है।
प्रधान न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर कानून की स्पष्ट व्याख्या होना बहुत जरूरी है। इसके बाद पीठ ने यह मुद्दा वृहद संविधान पीठ के पास भेज दिया।
अदालत का कहना है कि संविधान पीठ इस मुद्दे के सभी पहलुओं का अध्ययन कर, दिशानिर्देश बनाए जाने के बारे में अंतिम निर्णय देगी। पीठ के दो अन्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के सिंह हैं। गौरतलब है कि केंद्र ने इस अपील का कड़ा विरोध करते हुए इसे 'आत्महत्या' करार दिया था जिसकी देश में अनुमति नहीं दी जा सकती।