जनमानस
धोखेबाज आआपा
दिल्ली के मतदाताओं ने स्पष्ट जनादेश किसी पार्टी को नहीं दिया। सबसे अधिक सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। 70 सदस्यों की विधानसभा में 32 सदस्य भाजपा के होने से वह 4 सदस्यों की कमी से बहुमत नहीं जुटा सकी। 'आआपा के 28 सदस्य जीते थे। कांग्रेस ने मुद्दों के आधार पर समर्थन दिया, लेकिन नियम के विरूद्ध जनलोकपाल विधेयक प्रस्तुत करने का कांग्रेस ने विरोध किया। भाजपा और कांग्रेस के विरोध के कारण प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं हो सका। केजरीवाल के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। यदि केजरीवाल यह जानते थे कि कांग्रेस की बैसाखी पर टिकी सरकार अस्थिर है तो फिर सरकार बनाने का दावा क्यों किया। लोक कल्याण के कार्यों को करने की बजाए केवल हो-हल्ला, हुड़दंग करके सरकार नहीं चल सकती। मुख्यमंत्री के नाते केजरीवाल धरने पर बैठे, धारा 144 का सरेआम उल्लंघन किया। नियम और मर्यादा की धज्जियां उड़ाकर दिल्ली सरकार को आंदोलन का स्वरूप देकर यहां तक कह दिया कि वे अराजक है।
सुरेन्द्र शर्मा, इन्दौर