ज्योतिर्गमय

संकल्प शक्ति, इच्छा शक्ति
उपरोक्त दो शक्तियां जिसके पास है उसे जीवन में सब कुछ मिल जाता है जो वह चाहता है या जिसका वह पात्र है। सारी सफलताओं का मूलमंत्र है प्रबल इच्छा शक्ति। अपने को असमर्थ असक्त असहाय मत समझिये। यदि हमें अपनी शक्तियों का ज्ञान हो जाये तो दुख, भय, चिंता, आपत्ति, शोक द्वेष आदि का बिलकुल भी भान न हो ये दुष्ट मनोविकार हमारा कुछ न बिगाड़ सकेंगे। कभी भी विकट परिस्थिति से हार न मानो। मृत्यु किसी की देखकर स्वयं भयभीत होना कायरता है। सफल जीवन यदि जीना हो तो जीने की आकांक्षा साकार करनी होगी। आत्मनिरीक्षण करें अपने विचारों मान्यताओं की समीक्षा करें और अवांक्षनीय को जीवन से निकालें। तब हम इच्छित ऊंचाई तक पहुंच सकते है। शारीरिक शक्ति से कई गुनी अधिक इच्छा शक्ति होती है। आदमी जंगली जानवरों से लड़ सकता है। भय नाम की कोई वस्तु होती ही नहीं है यह हमारी कल्पना की उपज है। अपनी इच्छा शक्ति को अंर्तमुखी करें। और फिर जो चाहें वह पायें। बंगाल के सोहंग स्वामी शेर चीतों से निहत्थे भिड़ जाते थे और उन्हें पालतू बिल्ली बना देते। उन्हें बंगाल टाइगर के नाम से जाना जाता था। जंगलों में रहने वाले लोग हमेशा जंगली जानवरों से भिड़ते रहते हैं और उन्हें मार भी डालते हैं। जो कोशिश करेगा उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मनुष्य की संभावनाएं असीम हैं। यदि वह अपनी क्षमता को पहचाने और उसका उपयोग करें। कहावत है कि ईश्वर उसकी ही मदद करता है जो अपनी मदद स्वयं करता है। केवल भाग्य के भरोसे बैठे रहने से काम नहीं चलता मनुष्य की सबसे बड़ी क्षमता उसकी संकल्प शक्ति है उसके सामने सब झुकते हैं। इस संसार में अच्छी चीजें बहुतायत से हैं हमें उनका उपयोग करना आना चाहिए। हम क्या नहीं कर सकते क्या नहीं पा सकते। धीरू भाई अंबानी एक पेट्रोल पंप में पेट्रोल भरने का काम किया करते थे आज कितना बड़ा साम्राज्य है उनका कि देश विदेश में उनकी और उनके परिवार की तूती बोल रही है। श्री लक्ष्मी मित्तल जिन्हें आज स्टील किंग कहा जाता है विदेशों में जाकर बंद पड़े बीमार लोहे के कारखानों को लेकर काम किया उसे आगे बढ़ा आज उनकी क्या स्थिति है वे दुनिया में लोहे के पर्याय बन गये हैं। कोई उद्योग, आविष्कार, राजनीति, समाज सेवा, शारीरिक शक्ति में अपना कदम आगे बढ़ाता है और खली जैसा एक छोटे गांव का रहने वाला युवक विश्व विजेता बन जाता है। सब इच्छा और संकल्प शक्ति का कमाल है। इसलिए कहा है कि इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों आकाश में छेद हो सकता है। संकल्प शक्ति को प्रचंड बनाइये और इच्छा शक्ति को सुदृश्य और वह सब पाइये जो आप चाहते हैं। बस यही मेरा संदेश है।
