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जनमानस

भारत रत्न की गरिमा को ठेस

एक खबर पढ़ कर आश्चर्य हुआ, भारत रत्न एवं राज्यसभा सदस्य विख्यात खिलाड़ी सचिन तेन्दुलकर संसद के महान पूर्ण सत्र में जाने के बजाय नोएडा में महंगी कार के शोरूम के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे।
क्या उन्होंने संसद की कार्यवाही की आवमानना का अपराध नहीं किया है। क्या वे भारत रत्न जैसे देश के सर्वोच्च सम्मान के प्रति निष्ठावान है। क्या उनका यह कृत्य भारत रत्न की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला नहीं है। जन-जन की भावना को आहत नहीं किया है। कारों के लिए ही विज्ञापन करना हो तो कम से कम संसद की बैठकों के बाद भी किया जा सकता है। धन की कमी तो कभी पूरी नहीं हो सकती, सो विज्ञापन खूब करे लेकिन सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न की गरिमा को बनाए रखे।

कुंवर वीरेन्द्र विद्रोही, ग्वालियर

Updated : 13 Feb 2014 12:00 AM GMT
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