पुलिसकर्मी बनकर पार किए सवा लाख

ग्वालियर। मुरैना से परचूनी दुकान का सामान खरीदने ग्वालियर आए एक कारोबारी से चैकिंग के नाम पर दो ठग 1 लाख 17 हजार रुपए नकदी पार कर ले गए। आरोपियों ने खुद को सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी बताया और शहर में हो रहीं लूट व हत्याओं के नाम पर व्यापारी के कपड़ों और बैग की तलाशी ली।
रविवार को दोपहर करीब 1 बजे पड़ाव थाने पहुंचे रामनिवास अग्रवाल निवासी गोसपुरा मुरैना ने पुलिस को बताया कि रविवार को वह ग्वालियर में उधारी पटाने एवं दुकान का सामान खरीदने आया था। वह अपनी जेब में करीब एक लाख 15 हजार रुपए लेकर आया था। जेल रोड पर उतरने के बाद वह ऑटो में बैठकर शिन्दे की छावनी पहुंचा। यहां से वह फिर से टेम्पो में बैठा और दोपहर करीब 12:20 बजे लक्ष्मीबाई समाधि स्थल के ठीक सामने उतरा। टेम्पो से उतरकर उसने आधी सड़क पार की। इसी दौरान सड़क किनारे खड़े दो अधेड़ उम्र के व्यक्तियों ने उसे आवाज देकर बुलवाया। उसने कारण पूछा तो एक ने बोला कि साहब बुला रहे हैं। वह पहुंचा तो उसे बताया गया कि वह साधा कपड़ों में पुलिस अधिकारी हैं। शहर में घटनाएं हो रही हैं। इस कारण चैकिंग कर रहे हैं। इस बीच यह दोनों एक अन्य व्यक्ति की जांच कर उसे रवाना कर रहे थे। पुलिसकर्मी बनकर इन लोगों ने पहले इसके बैग की तलाशी ली, जिसमें कपड़े आदि सामान रखा था। इसके बाद जेब टटोली जिसमें एक हजार के नोटों की रबड़ लगी गड्डी रखी थी। ठगों ने अपने हाथ से यह गड्डी कपड़ों से निकाली और पूछा कि इतनी बड़ी रकम लेकर क्यों घूम रहे हो। पता नहीं शहर में लूटपाट की कितनी घटनाएं हो रही हैं। ठगों ने पैसों की गड्डी को बैग में रखते हुए कहा कि इस बड़ी रकम को संभलकर घर लेकर पहुंचो। इसके बाद वह थैला लेकर सीधा विवेक विहार स्थित अपने साडू के बेटों के कमरे पर पहुंचा। यहां उसने बैग खोला तो उसमें से रकम गायब थी। वह वापस लौटकर घटना स्थल पर पहुंचा, जहां से रकम उड़ाने वाले ठग गायब थे। वह थाने पहुंचा और पुलिस में शिकायत की। पुलिस उसे घटना स्थल सहित अन्य कुछ स्थानों पर लेकर पहुंची। लेकिन ठगों का पता नहीं चल सका।