बीमा बिल में राजनीतिक अवरोध आड़े नहीं आने देंगे: जेटली

नई दिल्ली। संसद में जीएसटी बिल जारी करने के एक दिन बाद वित्त मंत्री अरण जेटली ने संसद में बताया कि सरकार बीमा क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसमें राजनीतिक अवरोध को आड़े नहीं आने दिया जायेगा। उद्योग मंडल फिक्की की 87वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुये जेटली ने बताया कि ''सरकार इन (बीमा क्षेत्र) सुधारों को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस तरह के सुधारों को रोकने अथवा इनमें देरी के लिये संसद की कार्यवाही बाधित करने की नति को बक्शा नहीं जायेगा।''
टीएमसी कांग्रेस का नाम लिये बिना जेटली ने कहा, राजनीतिक दल जिसके सदस्य कथित तौर पर सारदा चिट फंड घोटाले मामलें में शामिल रहे हैं, वह राज्यसभा, जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बहुमत में नहीं है, के कामकाज में बाधा खड़ी कर ध्यान बंटाने का प्रयास कर रहा है।
जेटली ने बताया कि कोयला क्षेत्र एक अन्य अहम सुधार है जिसे नई सरकार आगे बढ़ा रही है, लेकिन यह भी राजनीतिक गतिरोध की निति के कारण से रूका पड़ा है। उन्होंने कहा, ''केवल एक उद्देश्य लगता है कि इन विधेयकों को चर्चा के लिये नहीं आने दिया जाये। और इस राजनीतिक गतिरोध की वजह है कि एक राजनीतिक दल को पता चलता है कि उसके सदस्य कुछ ऐसे मामले में लिप्त पाये गये हैं जो कि अनैतिक है और इसीलिये इससे ध्यान बंटाने के लिये गतिरोध को एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है।''
जेटली ने वामदलों को भी आड़े हाथों लिया, उन्होंने बताया कि राज्यसभा ही उनका अब आखिरी गढ़ रह गया है। धर्म परिवर्तन मामलें को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बने रहने का कारण से गत कुछ दिनों से राज्यसभा में कामकाज नहीं हो पा रहा है। विपक्ष इस मामले में प्रधानमंत्री से जवाब चाहता है जबकि सरकार को यह मंजूर नहीं है।
वित्त मंत्री अगले साल फरवरी में अपना पहला पूर्ण बजट पेश करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 9 से 10 प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर पहुंचने के लिये देश को साझा राष्ट्रीय दृष्टि की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ''हमारे सामने जो विकल्प हैं उनमें या तो हम सुधारों पर आगे बढ़ें अन्यथा एक बार फिर पीछे छूट जायें।