दो माह में आ जाएंगे किसान विकास पत्र
ग्वालियर। किसान विकास पत्र पुन: शुरू हो गए हैं। किसान विकास पत्र शहर के मुख्य डाकघर मुरार और लश्कर में एक से दो माह के अंदर आ जाएंगे और लोगों को मिलने लगेंगे। किसान विकास पत्रों की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें कितना भी पैसा लगाया जा सकता है। इसमें लगा हुआ निवेशकों का पैसा आठ वर्ष चार माह (100 माह) में दोगुना हो जाएगा। किसान विकास पत्र को खरीदने हेतु एक फोटो आईडी की कॉपी आवश्यक है, जिसके द्वारा इसे प्राप्त किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने किसान विकास पत्र वर्ष 2011 में बंद कर दिए थे। केन्द्र सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2014 में इन्हे पुन: शुरू कर दिया है। किसान विकास पत्र के आने से इनवेस्टमेंट का एक और अच्छा ऑप्शन आ गया है। किसान विकास पत्र में अधिक से अधिक लोग आकर्षित होंगे।
निवेशकों के लिए लाभदायक हैं किसान विकास पत्र
किसान विकास पत्र उन लोगों के लिए अधिक बेहतर हैं, जो छोटी रकम ही सही, समय-समय पर निवेश करते रहते हैं, उनके पास मोटी रकम निवेश के लिए नहीं होती है, उन्हें किसान विकास पत्र लेने में किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं होती है। यह एक प्रकार से नोट के समान होते हैं।
किसान विकास पत्र नाम ही क्यों?
इसे शुरू करने के पीछे सरकार का आइडिया यह था कि इसके जरिए जो धन मिलेगा, उसका इस्तेमाल किसानों की भलाई से जुड़े प्रॉजेक्ट में किया जाएगा। यही कारण है कि इसका नाम किसान विकास पत्र रखा गया। यह एक इमोशनल टच भी है। इसमें निवेश करने वाले को पता होता है कि उसका पैसा किसानों की भलाई के लिए लिया जा रहा है।
कम होगी पूछताछ
किसान विकास पत्र को खरीदते वक्त आमदनी सोर्स के बारे में नहीं पूछा जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि कोई जितना भी चाहे, इसमें निवेश कर सकता है। लॉक आन पीरियड के बाद कोई भी पोस्ट ऑफिस जाकर इसके एवज में पैसा ले सकता है। जानकारों का मानना है कि ऐसा पैसा, जो लोग बाहर निवेश करते हैं, अब वह किसान विकास पत्र में निवेश करेंगे, जिससे यह पैसा सीधा सरकार के खजाने में आएगा। हम कह सकते हैं कि काला धन सफेद धन में बदल जाएगा।
''किसान विकास पत्र एक बार फिर से शुरू किया गया है। शीघ्र ही यह ग्राहकों को मिलने लगेगा।''
ए.एस. राठौर
डाकघर अधीक्षक, मुरार