इस साल 800 से अधिक किसानों ने की आत्महत्या

इस साल 800 से अधिक किसानों ने की आत्महत्या
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इस साल 800 से अधिक किसानों ने की आत्महत्या: सरकार
नयी दिल्ली, एजेंसी First Published:19-12-14 05:05 PMLast Updated:19-12-14 05:05 PM

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कृषि संबंधी समस्याओं के चलते इस साल 800 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है और ऐसे मामलों की ज्यादातर खबरें महाराष्ट्र से रही हैं। कृषि राज्य मंत्री मोहन भाई कुंडारिया ने आज राज्यसभा को बताया कि महराष्ट्र सरकार ने कृषि संबंधी समस्याओं के चलते अक्टूबर तक 724 किसानों के आत्महत्या करने की सूचना दी है।

उन्होंने बताया कि तेलंगाना में 84 किसानों ने आत्महत्या की जबकि कर्नाटक में 19, गुजरात, केरल और आंध्रप्रदेश में तीन तीन किसानों ने आत्महत्या की है। कुंडारिया ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि संविधान के तहत कृषि राज्य का विषय है और कृषि क्षेत्र के विकास तथा किसानों के कल्याण के लिए राज्य मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।

उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र के पुनरूद्धार और किसानों की हालत में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिनमें सार्वजनिक निवेश बढ़ाना, ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचना विकास, बाजार तक पहुंच बढ़ाना से लेकर विपणन आदि शामिल हैं।

एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में कुंडारिया ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार करने वाले 11,772 लोगों ने आत्महत्या की थी।

- See more at: http://www.livehindustan.com/news/desh/national/article1-farmer-sucide-government--39-39-464537.html#sthash.UtODgH1N.dpuf

नई दिल्ली | सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कृषि संबंधी समस्याओं के चलते इस साल 800 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है और ऐसे मामलों की ज्यादातर खबरें महाराष्ट्र से रही हैं। कृषि राज्य मंत्री मोहन भाई कुंडारिया ने आज राज्यसभा को बताया कि महराष्ट्र सरकार ने कृषि संबंधी समस्याओं के चलते अक्टूबर तक 724 किसानों के आत्महत्या करने की सूचना दी है।
उन्होंने बताया कि तेलंगाना में 84 किसानों ने आत्महत्या की जबकि कर्नाटक में 19, गुजरात, केरल और आंध्रप्रदेश में तीन तीन किसानों ने आत्महत्या की है। कुंडारिया ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि संविधान के तहत कृषि राज्य का विषय है और कृषि क्षेत्र के विकास तथा किसानों के कल्याण के लिए राज्य मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।
उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र के पुनरूद्धार और किसानों की हालत में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिनमें सार्वजनिक निवेश बढ़ाना, ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचना विकास, बाजार तक पहुंच बढ़ाना से लेकर विपणन आदि शामिल हैं।
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में कुंडारिया ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार करने वाले 11,772 लोगों ने आत्महत्या की थी।

इस साल 800 से अधिक किसानों ने की आत्महत्या: सरकार
नयी दिल्ली, एजेंसी First Published:19-12-14 05:05 PMLast Updated:19-12-14 05:05 PM
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कृषि संबंधी समस्याओं के चलते इस साल 800 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है और ऐसे मामलों की ज्यादातर खबरें महाराष्ट्र से रही हैं। कृषि राज्य मंत्री मोहन भाई कुंडारिया ने आज राज्यसभा को बताया कि महराष्ट्र सरकार ने कृषि संबंधी समस्याओं के चलते अक्टूबर तक 724 किसानों के आत्महत्या करने की सूचना दी है।

उन्होंने बताया कि तेलंगाना में 84 किसानों ने आत्महत्या की जबकि कर्नाटक में 19, गुजरात, केरल और आंध्रप्रदेश में तीन तीन किसानों ने आत्महत्या की है। कुंडारिया ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि संविधान के तहत कृषि राज्य का विषय है और कृषि क्षेत्र के विकास तथा किसानों के कल्याण के लिए राज्य मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।

उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र के पुनरूद्धार और किसानों की हालत में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिनमें सार्वजनिक निवेश बढ़ाना, ग्रामीण क्षेत्रों में अवसंरचना विकास, बाजार तक पहुंच बढ़ाना से लेकर विपणन आदि शामिल हैं।

एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में कुंडारिया ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार करने वाले 11,772 लोगों ने आत्महत्या की थी।
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