जनवरी से बाजार मूल्य पर मिलेगा गैस सिलेंडर, सब्सिडी सीधे बैंक खातों में
भोपाल | अगर आपने अपने गैस कनेक्शन को बैंक खाते से लिंग नहीं कराया है, तो यह काम जल्द कर लें, वरना आप गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी से वंचित रह जाएंगे।
दरअसल, मध्यप्रदेश में जनवरी से रसोई गैस उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर बाजार मूल्य पर ही मिलेगा और इस पर सरकार द्वारी दी जा रही सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में जाएगी। यह योजना एक जनवरी से मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में लागू होने जा रही है।
मध्यप्रदेश में यह योजना 15 नवंबर से चार जिलों में शुरू हो चुकी है, जिसमें हरदा, होशंगाबाद, खंडवा और बुरहानपुर शामिल हैं। यहां 90 फीसदी उपभोक्ताओं के बैंक खाते आधार से लिंक हैं, इसलिए प्रथम चरण में इन चारों जिलों का चुनाव किया गया और यहां यह योजना सफलतापूर्वक चल रही है। इसी तरह दूसरे चरण में मध्यप्रदेश के बाकी सभी जिलों में एक जनवरी से इसकी शुरूआत होगी।
इंडियन ऑयल के महाप्रबंधक व राज्य स्तरीय समन्वयक यूपी सिंह ने बताया कि एक जनवरी-2015 से पूरे भारत में डीपीटीएल योजना लागू की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत सब्सिडाइज्ड रसोई गैस के उपभोक्तओं को गैस सिलेंडर बाजार मूल्य पर खरीदना होगा और सब्सिडी की धनराशि सीधे बैंक खाते में दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य नहीं है। बिना आधार कार्ड के भी उपभोक्ता को सब्सिडी मिलती रहेगी।
यूपी सिंह ने बताया कि नई योजना के तहत आधार संख्या न होने पर भी उपभोक्ताओं को सब्सिडी की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाएगी। हालांकि आधार संख्या प्राप्त करने पर उनको आधार कार्ड आधारित सब्सिडी हस्तांतरण पर शिफ्ट होना होगा।
उन्होंने बताया कि जो रसोई गैस उपभोक्ता इस योजना में आधार संख्या देकर पहले जुड़े थे, उन्हें दोबारा खाता लिंग कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्हें एक जनवरी से प्रभावी बाजार मूल्य पर सिलेंडर मिल जाएगा और सब्सिडी की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में दे दी जाएगी। उन उपभोक्ताओं को आगे कुछ भी करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने बताया कि जो एलपीजी उपभोक्ता जनवरी से पहले इस योजना में शामिल होते हैं, उनको एक बार परमानेंट एडवांस की धनराशि सिलेंडर बुक करते ही मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि जो उपभोक्ता 1 जनवरी तक इस योजना से नहीं जुड़ते हैं, उन्हें 31 मार्च-2015 तक सब्सिडाइज्ड मूल्य पर सिलेंडर मिलता रहेगा, लेकिन उसके बाद उन्हें बाजार मूल्य पर ही सिलेंडर मिलेगा तथा वे सब्सिडी से वंचित हो सकते हैं।