जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत दे मजबूत समर्थन
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन के अंतिम वर्ष में प्रवेश करने पर इस संबंध में भारत का सहयोग मांगा है। विदित हो कि इस मुद्दे पर अगले वर्ष पेरिस में किसी समझौते पर पहुंचने की कवायद चल रही है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने लीमा में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात के बाद जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत का समर्थन मांगा। महासचिव प्रवक्ता ने बताया कि बान ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सक्रिय वार्ता, खासकर सौर उर्जा में महत्वपूर्ण वृद्धि करने की योजना के लिए भारत की सराहना की।
उन्होने आगे कहा कि बान ने ‘‘पेरिस में 2015 में एक फलदायी, वैश्विक समझौता हासिल करने के लिए वार्ताओं के अंतिम वर्ष में हमारे प्रवेश’’ के बीच भारत से मजबूत समर्थन मांगा। पेरू की राजधानी में संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता से पहले बान ने कहा था कि वह चाहेंगे कि भारत अगले साल जून तक उत्सर्जन कटौती पर अपनी इच्छित राष्ट्र स्तरीय संकल्पित प्रतिबद्धता की घोषणा करे।
साथ ही उन्होंने कहा भारत द्वारा लगातार निभाई जाने वाली ‘‘महत्वपूर्ण एवं सकारात्मक’’ भूमिका पेरिस में वैश्विक जलवायु समझौते को संभव बनाएगी। इस बीच, जावड़ेकर ने कहा कि 2020 के बाद नए समझौते में कटौती और अनुकूलन के बीच एक संतुलन सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए समझौते में पूरी तरह प्रदर्शित होने वाले अनुकूलन की आवश्यकता है ।
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘जब तक 2020 के युग से पहले विकसित देशों की ओर से अधिक महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताएं नहीं तय की जाएंगी तब तक विकासशील देशों को टिकाऊ विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए कार्बन स्पेस नहीं मिलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम मानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग का खतरा वास्तविक है, तो हमें अभी तक की गई प्रतिबद्धताओं पर प्राथमिकता के आधार पर खरा उतरना चाहिए।’’