प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत की तैयारियों में जुटा वाराणसी

वाराणसी | प्रधानमंत्री का पद भार संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शुक्रवार को अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का पहला दौरा करने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए प्राचीन मंदिरों की नगरी में तैयारियां जोरों पर हैं। मोदी के यहां बुनकरों के लिए एक व्यापार सुविधा केंद्र की आधारशिला रखने और साथ ही अपनी ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत एक गांव को गोद लेने की उम्मीद है।
पुलिस महानिरीक्षक अशोक जैन के अनुसार उत्तर प्रदेश के 12 पुलिस अधीक्षक रैंक के पुलिस अधिकारी, 18 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 20 पुलिस उपाधीक्षक, 135 उप निरीक्षक और प्रोविंशियल आम्र्ड कांस्टेबुलरी के 1000 से अधिक कर्मी तैनात किए गए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारी और कर्मी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे विशेष सुरक्षा समूह के साथ सहयोग करेंगे।
हालांकि प्रधानमंत्री के साथ कौन आ रहा है इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है लेकिन पुलिस महानिरीक्षक ए सतीश गणेश ने कहा कि मोदी के साथ ‘पांच से छह केंद्रीय मंत्रियों’ के आने की संभावना को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं की गयी हैं।
प्रधानमंत्री का दौरा 24 घंटे से कुछ ज्यादा का हो सकता है। इस दौरे ने शहर के लोगों में बेहतर भविष्य की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। जब से मोदी ने यहां की लोकसभा सीट बरकरार रखने का फैसला किया है तब से दुनिया के प्राचीनतम शहरों में से एक वाराणसी लगातार चर्चा में है। मोदी को यहां 3.7 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत मिली थी। मोदी ने अपने गृहराज्य गुजरात की वडोदरा सीट छोड़ी थी जहां उन्हें इससे भी बड़े अंतर (5. 7 लाख वोट) से जीत मिली थी। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के तुरंत बाद मोदी ने वाराणसी का दौरा किया था और काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के साथ ही गंगा आरती में हिस्सा लिया था। अपने इस दौरे में प्रधानमंत्री द्वारा एक व्यापार सुविधा केंद्र एवं शिल्प संग्रहालय की आधारशिला रखने की उम्मीद है जिसकी घोषणा सरकार ने इस साल जून में पेश किए गए अपने पहले आम बजट में की थी। परियोजना का उद्देश्य बुनकरों का उत्थान करना है। मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में बुनकरों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया था और उनकी बेहतरी के लिए कदम उठाने का वादा किया था।
प्रधानमंत्री के ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत एक गांव ‘गोद’ लेने की भी उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में ‘गांवों को सशक्त’ बनाने के प्रयास के तौर पर इस योजना की घोषणा की थी।