ब्याज दरों में यथास्थिति बनाये रख सकता है रिजर्व बैंक

ब्याज दरों में यथास्थिति बनाये रख सकता है रिजर्व बैंक
X

नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक दो दिसंबर को पेश होने वाली अपनी मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा में ब्याज दरों में यथास्थिति कायम रख सकता है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत पर आने के बाद वित्त मंत्री व उद्योग जगत अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए ब्याज दरों में कटौती के लिए दबाव बना रहे हैं।
इसके अलावा मुद्रास्फीति की दर कई साल के निचले स्तर पर आ गई है जिससे ब्याज दरों में कटौती का मामला बनता है। एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, ‘तथ्य यह है कि सभी मानदंड इस ओर संकेत कर रहे हैं कि मुद्रास्फीति में और गिरावट आएगी। नवंबर से जनवरी के दौरान आधार प्रभाव की वजह से यह ऊपर जा सकती है। लेकिन मार्च तक यह रिजर्व बैंक के लक्ष्य से कम होगी।’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें दो दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है, भट्टाचार्य ने इससे इनकार किया। यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक दीपक नारंग ने कहा कि रिजर्व बैंक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए ब्याज दरों में कटौती को अभी कुछ समय और इंतजार करेगा। हालांकि, यस बैंक के सीईओ व प्रबंध निदेशक राणा कपूर का विचार है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की कटौती कर सकता है। कपूर ने कहा कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति में हाल में आई कमी से राहत ले सकता है और ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है।

Next Story