पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ता सेवा शर्तों का उल्लंघन

आवश्यक उपकरणों के अभाव में ग्राहक नहीं जांच पा रहे पेट्रोल की गुणवत्ता
श्योपुर। शहर सहित जिले भर में संचालित पेट्रोल पंप उपभोक्ता सेवा शर्तों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। नापतौल विभाग द्वारा कई सालों से केन (पेट्रोल के सही मापन हेतु) की जांच नहीं की गई है। पंप पर इलेक्ट्रोनिक ऑयल वेडिंग मशीन से किए जाने वाले वितरण पर हर साल मार्च-अपै्रल माह में नापतौल विभाग द्वारा किलो एवं मीटरों के पैमानों को प्रमाणित करने लिए जांच अभियान चलाया जाता है, लेकिन बीते कई सालों से नापतौल विभाग द्वारा मीटरों के पैमानों की जांच नहीं की गई है। नापतौल विभाग की अनदेखी के चलते पेट्रोल पंपों पर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। हालात यह हैं कि पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल की गुणवत्ता जांचने के लिए न तो लिटमस पेपर हैं और न ही पेट्रोल के मापने के लिए अलग से पेट्रोल मापक केन है। एेसी स्थिति में ग्राहक पेट्रोल की गुणवत्ता चैक नहीं कर पा रहे हैं।
यह हो सकता है जुर्माना
पेट्रोल पंपों पर मिलावट व अन्य गड़बड़ी की शिकायत सही पाए जाने पर पांच हजार रुपए जुर्माना व जांच के दौरान मिलावट की शिकायत की पुष्टि होने पर पंप के संचालन पर प्रतिबंध लगाने तक का प्रावधान है।
बिकता है हजारों लीटर पेट्रोल
शहर सहित जिले भर में एक दर्जन से अधिक पेट्रोल पंपो का संचालन किया जा रहा है। पेट्रोल पंपों पर प्रतिदिन 15 से 20 हजार लीटर पेट्रोल की खपत दो पहिया और चार पहिया वाहनों में की जाती है, बावजूद इसके पेट्रोल पंपों पर आवश्यक उपकरणों का अभाव है।
ये सुविधाएं भी होना जरूरी
* पंपों पर पीने के लिए स्वच्छ पानी।
*महिला एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग
शौचालय।
* फ्री एअर चेक।
*पेट्र्रोल, डीजल का प्रतिदिन विक्रय मूल्य
का सूचना बोर्ड।
इनका कहना है
पेट्रोल पंप पर निगरानी रखी जाती है तथा निरंतर निरीक्षण व जांचें भी होती हैं। यदि किसी तरह की शिकायत आती है, तो कार्यवाही भी होगी।
रविकांत ठाकुर
सहायक आपूर्ति अधिकारी, श्योपुर