दो वर्ष बाद भी नहीं बना स्कूल भवन
भवन के अभाव में करब की ओट में पढ़ते हैं बच्चे
मुरैना/कैलारस। ग्राम पंचायत शेखपुर के स्याबटा गांव में स्कूल भवन नहीं होने से बच्चों को करब की आड़ में जमीन पर बैठकर पढऩा पड़ रहा है। हालांकि स्कूल भवन निर्माण के लिए राशि दो वर्ष पहले ही स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन यह राशि दूसरे के खाते में पहुंच जाने के कारण भवन का निर्माण अब तक नहीं हो सका है।
ग्राम पंचायत शेखपुर के स्याबटा गांव में शासन द्वारा प्राथमिक विद्यायल संचालित करने की स्वीकृति देने के साथ दो शिक्षकों की नियुक्ति भी की गई, लेकिन भवन के लिए जमीन अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। दो वर्ष पूर्व भवन निर्माण के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा ग्राम पंचायत को 2 लाख 78 हजार रुपए भेजे गए, परन्तु पंचायत का खाता नहीं होने के कारण यह राशि सेन्ट्रल बैंक कैलारस में ग्राम पंचायत निरार के खाते में जमा करा दी गई। इधर ग्राम पंचायत स्कूल भवन के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करा पाई। इसके चलते सरपंच ने भी शासन द्वारा बैंक में भेजी गई राशि की को ग्राम पंचायत के खाते में जमा कराने की पहल नहीं की।
नोटिस के बाद मिली जानकारी
ग्राम पंचायत शेखपुर सरपंच पदमा त्यागी को जब इस आशय का नोटिस मिला कि राशि उपलब्ध कराने के उपरांत भी स्याबटा गांव में विद्यायल भवन निर्माण क्यों नहीं कराया गया। तब उनकों जानकारी मिली कि विद्यालय भवन के लिये पैसा शासन द्वारा भेज दिया गया है। इसके बाद उन्होंने बैंक में जाकर अधिकारियों से जानकारी ली, तब पता चला कि विद्यायल भवन की राशि दो वर्ष पूर्व ही ग्राम पंचायत शेखपुर की जगह ग्राम पंचायत निरार के खाते में जमा हो गई है। सरपंच ने बैंक अधिकारियों को बताया कि ग्राम पंचायत शेखपुर के विद्यायल भवन की राशि निरार ग्राम पंचायत के खाते में पहुंच गई है, तब उक्त राशि शेखपुर पंचायत के खाते में जमा कराई गई।
प्राय: बंद रहता है स्कूल
शासकीय प्राथमिक विद्यायल स्याबटा भवन विहीन होने के कारण भीषण गर्मी, ठंड और बारिश के मौसम में अधिकांशत: बंद रहता है। सर्दी के मौसम में केबल तीन माह विद्यायल में पढऩे के लिए बच्चे आते हैं। विद्यालय में कुल 41 छात्र और दो शिक्षक पदस्थ हैं। विद्यायल भवन के अभाव में गांव के अधिकांश बच्चे पढऩे नहीं आते हैं।
इनका कहना है...
स्कूल भवन निर्माण के लिए राशि प्राप्त होने या निकालने की मुझे जानकारी नही है, सरपंच को होगी।
मांगीलाल सरल, उपयंत्री
सर्व शिक्षा अभियान, कैलारस
भवन के अभाव में हमें करब की ओट बनाकर बच्चों को बढ़ाना पड़ रहा है। ऐसे में विपरीत मौसम में बच्चों की छुट्टी करना हमारी मजबूरी है। भवन निर्माण के लिए हम संबंधित लोगों को लगातार पत्राचार कर रहे है, परन्तु कोई सुनवाई नही हो रही है।
महेश शर्मा, प्राधानाध्यापक
प्राथमिक विद्यालय, स्याबटा
प्रशासन द्वारा जमीन उपलब्ध न कराने के कारण हम स्कूल भवन नहीं बना पाए। इसके लिए स्वीकृत राशि भी हमारे खाते में नहीं आई थी।
प्रदमा त्यागी, सरपंच
ग्राम पंचायत, शेखपुर
प्राथमिक विद्यालय स्याबटा का मामला सही है। इसके भवन निर्माण के लिए राशि भोपाल से दो वर्ष पूर्व ही आ गई थी, परन्तु प्रशासन ग्राम पंचायत को जमीन का आवंटन नहीं करा सका, इसलिए यह समस्या बनी हुई है।
दफेदार सिंह सिकरवार
बीआरसी, कैलारस