प्रधानमंत्रीने की 'मन की बात', काला धन लाने का दिलाया भरोसा

नई दिल्ली। कालेधन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जहां तक काले धन का सवाल है देश अपने प्रधान सेवक पर भरोसा करे भारत के गरीब की पाई-पाई देश में वापस आयेगी। उन्होंने कहा कि रास्ते और पद्धति को लेकर भिन्न सोच हो सकती है लेकिन अपनी समझ और जानकारी के अनुरुप वे विश्वास दिलाते हैं कि कितना धन है यह पता नही है लेकिन वे आकड़ों में न उलझ कर देश के गरीबों का पैसा वापिस लाने के प्रयास में कमी नही रहने देंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से कहा कि हमें अपनी सोच बदलने की ज़रुरत है न केवल देशवासियों को बल्कि सरकारों को भी। देश आज लालायित है कुछ नया करने को और आगे भी कर रहा है। मोदी ने कहा कि आज हम स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज की जिम्मेदारी लेने की बात करते हैं। हम एक अच्छे बदलाव की ओर जा रहे हैं।
खादी के उपयोग को लेकर पिछली बार की गई अपनी मन की बात को आगे बढ़ाते हुये उन्होंने कहा कि जबसे उन्होंने खादी का वस्त्र खरीदने की बात कही है इसकी ब्रिकी में दुगनी से ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है।
स्वच्छता के विषय पर प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता का सीधा संबंध गरीबी से हैं, अगर हम गंदगी ना करें तो हम अपने गरीब भाईयों की मदद कर सकते हैं।
मानव संसाधन मंत्रालय के प्रयासों पर उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि एक हजार विकलांगों को विशेष छात्रवृति दी जायेगी। सभी केन्द्रीय विद्यालय और विश्वविद्यालयों को एक लाख रुपये दिये जायेंगे ताकि विकलांगों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
खिलाड़ियों के साथ अपनी मुलाकात पर उन्होंने कहा कि हमारे देश में खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधायें कम है लेकिन उनमें उमंग और उत्साह है जिसके जरिये वह और बेहतर करने का प्रयास करते रहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे पिछले दिनों सियाचिन जाने का मौका मिला। मैंने दिवाली देश के लिए मर मिटने वाले जवानों के बीच बितायी, क्योंकि उन्हीं की बदौलत हम दिवाली मना पा रहे हैं। कितनी कठिनाईयों में वो जीवन गुजारा करते हैं, इसका अनुभव मैंने किया। हमारे देश के जवान सुरक्षा के क्षेत्र में काम करते हैं। प्राकृतिक आपदा के समय अपनी जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा करने के लिए कोई भी साहस को तैयार हो जाते हैं। मैं देश की रक्षा करने वाले उन सभी जवानों को सलाम करता हूं।
उन्होंने कहा कि एक महीने के बाद एक बार फिर आपसे मिलने आया हूं बहुत सारी घटनायें होती हैं, आपने उमंग और उत्साह के साथ दिवाली का पर्व मनाया होगा। उत्सव समय-समय पर जीवन में रंग भरते रहते हैं फिर वह चाहे गरीब हो, अमीर हो, गांव का हो या फिर शहर का हर किसी के जीवन में उत्सव का अपना महत्व होता है