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नपं चुनाव में विकास होगा मुख्य मुद्दा

विगत 10 वर्षों से नारकीय जीवन जीने को मजबूर करैरावासी

करैरा। करैरा नगर परिषद करैरा के चुनाव सर पर आ गये है। मतदाताओं के सामने केवल नगर के विकास का ही मुद्दा प्रमुख है। क्योंकि पिछले दस वर्षों में कागजों में भले ही करोड़ों के विकास दर्शा दिए हो मगर नगरवासी आज भी नरक में रहने को मजबूर है। जनता से किये वादों में जनप्रतिनिधि असफल साबित हुए हैं। करैरा कस्बे की जनसंख्या दिनप्रतिदिन बड़ रही है मगर नगर प्रशासन जन सुविधाएं देने में नाकाम साबित हुआ है और मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़कें, स्ट्रीट लाईटें, सब्जी मण्डी, पार्क, खेल मैदान, पीने का पानी, मूत्रालय आदि को लोग तरस रहै है।
नगर की सड़कें
नगर के मुख्य मार्ग महुअर पुल से मण्डी तक की सड़क तथा पुलिस चौकी से पुरानी तहसील तक की सड़क कि स्थिति सबसे ज्यादा खराब है सड़क कहां है और गड्ढे कहां है पता ही नहीं चलता। कस्बे के वार्डों की सीमेन्ट कंक्रीट की उंची नीची सड़कों पर नालियों का पानी फैलना आम बात है जिसके कारण सड़कों पर चलना तक दूभर हो गया है। तीन साल की गारंटी वाली सड़कें भी एक साल में ही खराब हो गई जिन पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
स्ट्रीट लाइटें
कागजों में लाखों रुपए की स्ट्रीट लाइट प्रतिवर्ष खरीदीं मगर मुख्य मार्गों पर भी प्रकाश पथ सूने रहे। वार्डों की स्थिति तो इससे भी अधिक खराब है। आलम यह है कि वार्ड 1 से 5 तक तो स्ट्रीट लाइट का तार ही नहीं डाला गया तो लाइट कैसे जल सकती है।
सब्जी मण्डी
नगर में जगह-जगह सड़क किनारे सब्जी मण्डी लगती है जिससे दुकानदारों व आम जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन नगर प्रशासन स्थाई सब्जी मण्डी की व्यवस्था नहीं कर पाया।
पार्क व खेल मैदान
नगर में ना तो एक भी पार्क है और ना ही कोई खेल मैदान है पार्क तथा खेल मैदान के अभाव में ना तो लोग सुबह शाम सैर का लुफत उठा पाते है। औ ना ही खेल मैदान के अभाव में खिलाड़ी खेल पाते है जिसकी वजह से खेल प्रतिभाओं को निकलने का मौका तक नही मिल पाया है।

जलावर्धन योजना भी फैल
नगर को सुचारू रूप से पानी मुहैया कराने वाली नगर की महत्वाकांक्षी जलावर्धन योजना जो कि करोड़ों रुपए खर्च कर तैयार हुई थी वह नगर पंचायत ने अब तक अपने हैंडओवर नहीं ली जिसके कारण नागरिकों को प्रतिदिन पानी नहीं मिल पा रहा है।

सुलभ कॉम्पलेक्स व मूत्रालय का अभाव
विगत दस वर्षों में नगर में एक भी सुलभ कॉम्पलेक्स नहीं बन पाया और पुलिस सहायता केन्द्र पर बने एकमात्र मूत्रालय को छोड़कर नगर पंचायत एक भी मूत्रालय नहीं बनवा पाई, हां आनन-फानन में जरूर अभी हाल ही में कुछ रेडीमेड मूत्रालय रखवाये गए है जो किसी काम के नहीं हैं।

श्मशान घाट पर अव्यवस्थाएं
नगर के श्मशान घाट की बाउंडीवॉल वर्ष 2013 में आई बाढ़ में टूट गई थी जो आज भी टूटी पड़ी है। इतना ही नहीं यहां न तो बैठने की व्यवस्था है और न ही पानी की। यहां चारों ओर अतिक्रमण व गंदगी का साम्राज्य स्थापित है।

नलियां नहीं बनी
नगर में बिना देखरेख के डाली गई सी.सी. रोडों को बनाने के पूर्व नालियां नहीं बनाई जहां नालियां बनी भी हैं उनके पर ऊपर जाली न होने के कारण वाहन निकलना तक मुश्किल हो जाते हैं। नालियों का पानी सफाई के अभाव में सड़कों पर देखा जा सकता है। इतना ही नहीं मंदिर जाने वाले धर्मप्रेमियों को भी इसी गंदगी भरे रास्ते से निकलने को मजबूर होना पड़ता है।

Updated : 10 Nov 2014 12:00 AM GMT
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