आपके साहब को ही भरना पड़ेगा चालान

चैकिंग के दौरान वाहन चालक दे रहे हैं पुलिसकर्मियों को चेतावनी
ग्वालियर। यातायात पुलिस द्वारा चलाए जा रहे हेलमेट अभियान में की जा रही चालानी कार्रवाई पर लोग न जाने क्या-क्या बहाने बनाते हैं। कोई तो कहता है कि मैं स्टाफ से हूं तो कोई कहता नजर आया कि मेरा चालान आपके साहब ही भरेंगे। कई लोग पुलिस कर्मियों को चेतावनी देने से भी नहीं चूक रहे हैं, लेकिन यातायात पुलिस किसी की परवाह न सुनते हुए सीधे चालान काट रही है।
मैं दूसरों की गाड़ी छुड़वाता हूं
एक फर्नीचर कारोबारी ने गाड़ी के कागज न होने पर कहा कि मैं दूसरों की गाड़ी छुड़वाता हूं तो क्या आज मेरी ही गाड़ी का चालान काटोगे? यह चालान आपके साहब को ही भरना पड़ेगा। मैं पड़ाव थाना प्रभारी को जानता हूं। चाहो तो बात कर लो। सर आप जो सौ रुपए का चालान काट रहे हो, रुको किसी दिन आपको हजार रुपए का फायदा करवाऊगां, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उनकी एक नहीं सुनी और सौ रुपए का चालान काटने के बाद ही उन्हें जाने दिया।
मेरा भाई क्राइम ब्रांच में है
वाहन चालक वीरू सोनकर ने कहा कि सर मेरा भाई क्राइम ब्रांच में है, आप जानते होंगे, लेकिन यातायात पुलिस ने न जानने की बात कहकर सौ रुपए का चालान काट दिया। इसी तरह अनिल सोनी की बाइक को जब पुलिस ने पकड़ा तो उसने कहा कि सर में पार्टी से मिलने गया था, इसलिए जल्दी में कागज और हेलमेट लेना भूल गया। मेरी सराफा बजार में सोने-चांदी की दुकान है, क्या में आपको कोई अपराधी नजर आ रहा हूं। फिर क्यों हमारा चालान काटा जा रहा है। जब यातायात पुलिस नहीं मानी तो वह कहने लगा कि मेरे पास पैसा नहीं है, जेब में केबल सौ रुपए पड़े हैं, लेकिन यातायात पुलिस ने हेलमेट न लगाने का चालान बनाया, तब उसे जाने दिया। वाहन चालक रतीराम कुशवाह ने कहना था कि मैं विवाह में गया था। मेरे पास गाड़ी के कागजात तो हैं, लेकिन हेलमेट नहीं है। उसे भी सौ रुपए का चालान बनाने के बाद ही जाने दिया। एक अभिभाषक को अपना दूर का रिश्तेदार बताते हुए वाहन चालक राजेश वर्मा ने कहा कि साहब चालन मत बनाओ, मैं एक अभिभाषक का रिश्तेदार हूं और उन्हीं के घर से आ रहा हूं।