भारतीय गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया: स्मिथ
नई दिल्ली | वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाज डवेन स्मिथ अपने पहले वनडे शतक से एक बार फिर चूकने से निराश हैं लेकिन उन्होंने कहा कि भारतीय गेंदबाजों ने जोरदार वापसी करते हुए मेहमान टीम को जीत से महरूम कर दिया जो दूसरे एकदिवसीय मैच में एक समय जीत की ओर तेजी से बढ़ रही थी।
स्मिथ ने 97 गेंद में 97 रन की पारी खेली। उन्हें मोहम्मद शमी (36 रन पर चार विकेट) ने बोल्ड किया, जिससे भारत के 264 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दो विकेट पर 170 रन बनाकर एक समय मजबूत स्थिति में दिख रही वेस्टइंडीज की टीम 46.3 ओवर में 215 रन पर आल आउट हो गई। यह सलामी बल्लेबाज अपनी निराशा को नहीं छिपा पाया लेकिन उन्होंने भारतीय गेंदबाजों की तारीफ की।
स्मिथ ने कल फिरोजशाह कोटला मैदान पर मैच के बाद कहा, बेशक एक बार फिर शतक से चूकने से मैं निराश हूं। 24वीं बार मैं शतक से चूक गया। इससे पीड़ा होती है। उन्होंने (भारत ने) काफी अच्छी गेंदबाजी की। एक समय हम जीत की ओर बढ़ रहे थे और भारतीय गेंदबाजों ने इसके बाद लगातार विकेट हासिल किए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन अंतत: भारत ने अच्छी गेंदबाजी से बाजी मार ली। इससे हम कुछ सीख लेकर आगे बढ़ सकते हैं।
स्मिथ ने कीरोन पोलार्ड (40) के साथ दूसरे विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी की, जिसके बाद मैन ऑफ द मैच शमी, अमिता मिश्रा (40 रन पर दो विकेट) और रविंद्र जडेजा (44 रन पर तीन विकेट) ने टीम को जोरदार वापसी दिलाई। मिश्रा के खिलाफ सतर्क रवैया अपनाने के बारे में पूछने पर स्मिथ ने कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया। इस बल्लेबाज ने कहा कि मैं हमेशा सकारात्मक था। मैंने सिर्फ अपना खेल खेला। मुक्षे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दूसरे छोर पर कौन गेंदबाजी कर रहा है। मुझे लगता है कि हमने मिश्रा के खिलाफ तीन छक्के मारे। अगर आप इसे सतर्क रवैया कहोगे तो मुझे नहीं पता। सिर्फ इतनी सी बात है कि हम राह से भटक गए।
धौनी ने भले ही कोटला की पिच को दोहरे उछाल वाली कहा हो लेकिन स्मिथ ने कहा कि जब वे बल्लेबाजी कर रहे थे तो उनके लिए यह चिंता की बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि बेशक यह बल्लेबाजी के लिए मुश्किल विकेट था लेकिन बल्लेबाजी करते हुए हमने इसकी चिंता नहीं की। मुझे भारतीय पिचों पर खेलने का काफी अनुभव है और मुझे लगता है कि इनमें बदलाव नहीं आता। मेरे कई अन्य साथी भी भारतीय पिचों से वाकिफ हैं इसलिए इस मामले में कोई समस्या नहीं थी। आपके अंदर सिर्फ सामंजस्य बैठाने की क्षमता होनी चाहिए।