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ज्योतिर्गमय

नरेन्द्र मोदी हर हाल में जरूरी राष्ट्र के लिए


एक चैनल पर 7 आरसीआर कार्यक्रम के अन्तर्गत भाजपा के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी श्री नरेन्द्र मोदी जी की पूरी कहानी देखकर हृदय गदगद हो गया कि 17 सितम्बर 1950 में गुजरात के एक छोटे से रेलवे स्टेशन वाले बडऩगर गांव में जन्मे नरेन्द्र मोदी जी बहुत बड़े राष्ट्र भक्त हैं। बहुत बड़े त्यागी हैं। अगर भारत का मुखिया मोदी जैसा महापुरुष बन जाए तो ये पूरे राष्ट्र के लिए, हर भारतवासी के लिए बेहद गौरव की बात होगी। छोड़कर राष्ट्रद्रोहियों को, भारतीय जनसमुदाय के शोषण कर्ताओं को। नरेन्द्र मोदी ने वो समय देखा है कि प्रथमिक विद्यालय से पढऩे के बाद रेलवे स्टेशन पर रेल में चाय बेचने जाना पड़ता था तब जाकर घर का खर्च थोड़ा बहुत चल जाता था। इसमें भी बात थी कि टे्रन दिन में दो ही बार वहां से गुजरती थी। नब्बे के दशक में गुजरात की बदहाली इतिहासकार और अन्य जानकार सब जानते थे लेकिन उसी गुजरात में जिसने महा अकाल को देखा, बहुत बड़े भूकंप से गुजरा और सैकड़ों दंगों से टूटा-कुचला वही गुजरात उन्होंने भारत का पहला विकसित राज्य बना दिया। जहां का एक गांव तो ऐसा है जहां 400 से ज्यादा करोड़पति हैं और उनके शासन में 2002 से एक भी साम्प्रदायिक दंगा नहीं हुआ। जो हर परिस्थिति से गुजरा हो, इलेक्ट्रिक मीडिया, प्रिंट मीडिया द्वारा महीनों-महीनों, सालों-सालों आलोचनाओं द्वारा तरह-तरह के दोषारोपण द्वारा नकारा गया हो कमजोर किया गया हो, फिर भी भारत मां के इस नरेन्द्र मोदी नामक लाल ने हिम्मत नहीं हारी और आज पूरी ऊर्जा के साथ राष्ट्र सेवा का संकल्प ले चुके हंै।

उदयभान रजक, ग्वालियर

Updated : 14 Jan 2014 12:00 AM GMT
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