जनमानस
उजड़े घर में वोटों के खरपतवार की उगाही
मुजफ्फरनगर दंगों के बाद वहां के मुस्लिम राहत शिविर में राहुलगांधी का भाषण उजड़े घर में वोटों के खरपतवार की उगाही का शर्मनाक दुस्साहस प्रतीत होता है। उजड़े घर मानवता स्थापित करने की जगह सांप्रदायिकता की स्थापना कांग्रेस का चिर-परिचित व्यवहार रहा है। कश्मीर के पंडितों और मुजफ्फरनगर दंगे के पीडि़त हिन्दुओं के प्रति सौतेला व्यवहार ने राहुल गांधी को देश के अन्दर परिवर्तनकारी राजनीति और कांग्रेस की पराजय से सीख न लेने की जंग खायी मानसिकता का ही परिचय दिया है। गुजरात, म.प्र., राजस्थान, छत्तीसगढ़ में मुस्लिम मतदाताओं के मूड़ को भी राहुल गांधी नहीं पढ़ सके हैं। दिल्ली में तो उनका मुस्लिम तुष्टीकरण पूर्ण रूप से फेल हो चुका है फिर भी वे पूर्व की खतरनाक मानसिकता में ग्रस्त नजर आते हैं। आप से सीखना चाहते हैं केवल बातों में मोदी को भुलाना चाहते हैं परन्तु क्या मोदी लहर की वास्तविकता को झुठलाया जा सकता है इस पर वे गौर करने को तैयार नहीं।
हरिओम जोशी, भिण्ड