Home > Archived > धर्म के आधार पर आतंकियों के मामलों की समीक्षा असंवैधानिक: जेटली

धर्म के आधार पर आतंकियों के मामलों की समीक्षा असंवैधानिक: जेटली

धर्म के आधार पर आतंकियों के मामलों की समीक्षा असंवैधानिक: जेटली
X

नई दिल्ली | आतंकवाद के आरोपों में जेल में बंद अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं की भूमिका का आकलन करके उचित निर्णय करने संबंधी मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र को ‘‘अवैध और असंवैधानिक’’ बताते हुए भाजपा ने उसे तुरंत वापस लेने की आज मांग की।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने इस विषय पर शिंदे की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, ‘‘अपराधी के जन्म निशान पर ध्यान दिए बिना एक अपराध तो बस अपराध होता है। किसी की धार्मिक आस्था उसके दोषी होने या निर्दोष होने को तय नहीं कर सकती है।’’
इसे राजनीतिक कदम बताते हुए उन्होंने कहा, गृह मंत्री ने घोषणा की है कि वह सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख रहे हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर लगे आतंकवाद के मामलों की वे समीक्षा करें। उन्होंने कहा, ‘‘वह चाहते हैं कि राज्य सरकारें केवल एक श्रेणी के नागरिकों के मामलों की समीक्षा करें और अन्य के नहीं जिनके विरूद्ध आतंकवाद के आरोप लगे हैं। जेटली ने कहा, ‘‘गृह मंत्री के इस कदम के औचित्य और वैधता से जुड़े कई मौलिक सवाल पैदा होते हैं। ..यह निश्चित रूप से राजनीतिक कदम है। भारत में कई व्यक्तियों पर आतंकवाद के आरोप हैं। ये प्रावधान कुछ कट्टरपंथी इसलामी समूहों से जुड़े लोगों पर लागू हैं। पिछले कुछ सालों में बहुसंख्यक समुदाय के कुछ सदस्यों के खिलाफ भी ऐसे मामले दर्ज हुए। देश के कई क्षेत्रों में माओवादियों पर भी आतंकवाद के मामले दर्ज हुए।’’ 

Updated : 11 Jan 2014 12:00 AM GMT
Next Story
Top