बाजार में दिखी राजन की चमक, रूपया भी सुधरा

मुंबई | रिजर्व बैंक के नए गवर्नर रघुराम राजन के पदभार संभालते ही बाजार में खासी रौनक देखने को मिली। रूपये के साथ-साथ सेंसेक्स और निफ्टी में भी राजन की चमक दिखी।
आरबीआई के नये गवर्नर रघुराम राजन का कार्यभार संभालने के अगले ही दिन बाजार में थोड़ी बहुत रौनक लौटने लगी है। कारोबारी सप्ताह के चौथे दिन बाजार की शुरूआत बढ़त के साथ हुई है। वहीं डॉलर के मुकाबले रूपया भी 138 पैसे मजबूत हुआ है।
आज सेंसेक्स में 488 अंकों की उछाल के साथ 19,055.74 के साथ खुला जबकि निफ्टी में भी 153 अंकों की बढ़त दर्ज की गयी है। इसके साथ ही निफ्टी की शुरूआत 5,601.90 के साथ हुयी। वहीं कुछ पैसों की मजबूती के साथ रूपये की कीमत फिलहाल डॉलर के मुकाबले 65.69 है।
रघुराम राजन ने बीते दिन ही आरबीआई के 23वें गवर्नर का पदभार संभाला है। राजन के समक्ष इस समय कई आर्थिक चुनौतियां हैं जिनसे उन्हें निपटना अभी बाकि है।
रुपये में सुधार लाने के लिए साहसिक कदम उठाने के वायदे के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहे रुपये ने आज अपनी शानदार वापसी दिखायी। इस तरह करीब दो फीसदी की तेजी दर्ज करते हुए भारतीय रुपया 66 के स्तर से नीचे पहुंचने में कामयाब हो गया। वहीं सेंसेंक्स और निफ्टी में काफी उछाल देखने को मिला।
रुपये में मजबूती से बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स भी 2.5 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ करीब 500 अंक उछलकर 19,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी सूचकांक भी 150 अंक से ज्यादा मजबूत होकर 5600 को पार कर गया। बीते दिन आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत बताया था। उन्होंने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए वर्तमान दौर चुनौतीपूर्ण जरूर है लेकिन इसे संकटपूर्ण स्थिति नहीं कहा जा सकता। देश की अर्थव्यवस्था में मौजूदा उथल-पुथल का दौर अपने आखिरी चरण में है। राजन ने यह भी कहा, हमें अनावश्यक रूप से आशावादी बनने की जरूरत नहीं है, लेकिन जितनी उथल-पुथल होनी थी हो चुकी।
राजन ने आगे कहा, जब वित्तीय बाजार अस्थिर है, और निकट आम चुनावों के कारण घरेलू राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति भी बनी हुई है, ऐसी स्थिति में आरबीआई अपने उद्देश्यों के अनुरूप उम्मीद का किरण बना हुआ है। राजन ने अपने पूर्ववर्ती की नीतियों को पलट देने के सवाल पर कहा था कि इसके लिए 20 सितंबर तक रुकना होगा। ऐसे में सभी को 20 सितंबर का इंतजार है कि आखिरकार राजन के इस आश्वासन का भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार पर क्या असर देखने को मिलता है।