जनमानस

ना जाने कितने टुंडा, भटकल और हैं


गद्दार पड़ोसी पाक की पोल तो वैसे कई बार खुली और हजारों झूठ उजागर हुए परन्तु वह इतना गिरा हुआ मुल्क है कि जो उसके लिए अच्छा सोचे, उसे ही मौका मिलने पर बर्बाद करने का कायराना कुकर्म करने से नहीं चूके। अब बात आती है हमारे देश में आतंकी टुंडा और यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद हुए खुलासों की तो सब साफ-साफ है कि पाक हमारे देश के गद्दारों को इस्तेमाल कर भारत में खून-खराबा करवाता है, परन्तु यह तो हमारे देश का दुर्भाग्य है कि धर्मनिरपेक्षता की आड़ में बड़े-बड़े आतंकवादी देश में घूम रहे हैं बल्कि समय-समय पर आतंकी वारदात को अंजाम भी देते हैं। लेकिन मीडिया के सहयोग से ये सेकुलर नेता अपनी वोटों की रोटी सेंकते हैं और भारत के होते हुए भी सांप्रदायिक रंग देकर रफा-दफा करवाते हैं। अत: विचार करने की बात है कि समाजवादी पार्टी का एक नेता यासीन भटकल की गिरफ्तारी को साम्प्रदायिक रूप देने से नहीं चूका जो साफ-साफ है कि ये नेता आतंकियों के हिमायती है। यह बात सही है कि टुंडा लगभग दो दशकों से भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था तो प्रश्न उठता है कि टुंडा के परिवार वाले बीस साल से कहां गए थे इतने समय में इन लोगों ने भारतीय प्रशासन को क्यों नहीं बताया कि हमारा एक सदस्य टुंडा है वह घर से भागा हुआ है और आतंकी गतिविधियों में शामिल है। हो सकता है अब तक कितने बेकसूर भारतीयों की जाने बच जाती। लेकिन टुंडा के परिवार का भारत की बर्बादी में बराबर का योगदान है इसलिए वे भी टुंडा की तरह भारत देश के अपराधी हैं। इसी तरह यासीन भटकल आतंकी जो लगभग तीन सौ मौतों का जिम्मेदार है वह पकड़ा गया तो उसके परिवार वाले भी मीडिया के सामने आकर भटकल का बचाव कर रहे हैं जो बहुत ही दुर्भाग्य है।
उदयभान रजक, ग्वालियर

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