जनमानस
रामदेव पर सरकार शीर्षासन में क्यों?
बाबा रामदेव को पिछले दिनों लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर नाजायज रूप से पूछताछ के बहाने रोका गया। लंदन में बाबा को विवेकानन्द की 150वीं जयंती पर सेमीनार में भाषण देना था। पूरे देश में इसकी कड़ी प्रतिक्रिया हुई। लेकिन केन्द्र सरकार चुप रही। ऐसे में बाबा के इस आरोप को बल मिलता है कि यह सब केन्द्र के इशारे पर हो रहा है। अगर यह सच है तो यह देश के साथ धोखा है। वास्तव में, सरकार ने देशहित राजनैतिक प्रतिद्वन्द्वता के लिए दांव पर लगा दिया। यह बहुत विकृत हताशाभरी राजनैतिक सोच है। इसे कुचला जाना चाहिए। ऐसी घटनाओं से हमारी देश की एकता को धक्का लगता है। सरकार ने अपनी तुच्छ राजनीतिक अभिलाषा के लिए ऐसी ओछी हरकत की है। यह घटना यह सिद्ध करती है कि वर्तमान में शीर्ष पदों पर राजनैतिक रूप से टुच्चे लोग बैठे है। इन्होंने बाबा रामदेव के आंदोलन तथा अण्णा हजारे के आंदोलन के समय भी अपनी इसी मानसिकता का परिचय दिया था। पूरा देश इसकी घोर निन्दा करता है।
रमेशचन्द्र सेन, ग्वालियर