जनमानस
ये संकेत खतरनाक हैं
बीती 30 ता. को मुस्लिम नेताओं और धर्मगुरुओं ने धर्म निरपेक्षता को तार-तार किया उससे भविष्य के लिए बुरे संकेत साफ-साफ देखे जा सकते हैं। मुजफ्फर नगर में नमाज पढऩे के लिए हजारों नमाजियों के बीच भारत की एकता को बर्बाद करने के लिए चार ऐसे नमाजी भी थे जो राजनीतिक रूप से सापों की तरह जगह उगल रहे थे। इनमें बीएसपी के कादिर राणा सांसद और नूर सलीम राणा एवं कांग्रेस का सईद उज्जमा साथ में सत्तारूढ़ दल एस पी का राशिद सिद्दकी प्रदेश सचिव भी था। जिन्होंने इतना जहर उगला कि मुस्लिम लोग हिन्दुओं को मारने के लिए टूट पड़े। मरने वालों की संख्या 40 पार हो गई है। क्या इन नेताओं और मुल्ले-मोलवियों को याद नहीं रहा कि ये पाकिस्तान नहीं बल्कि भारत है जहां तुम हिन्दुओं को काफिर मानकर मारने पर आमादा हो गए हो साथ में तुम भी क्या सुरक्षित रह पाओगे? तुम्हारी इतनी ओछी, देशद्रोही, नमक हरामी मानसिकता को देखकर अगर हिन्दू तुमसे नफरत करने लगे तो सोचो क्या होगा? मानते हैं कि तुम्हें वोटों के चक्कर में राजनीतिक एवं प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है। परन्तु अगर कहीं भगवान न करे कुछ ऐसा हो भी गया तो उसके जिम्मेदार खुद तुम लोग ही होगे।
उदयभान रजक, ग्वालियर